नई दिल्ली। कई महीनों के बाद अब अरहर या तुअर और उड़द की दाल की थोक कीमतें घटी हैं। सरकार ने बताया कि इन दालों की कीमतों में करीब चार फीसदी की कमी आई है। इसके साथ ही उम्मीद थी कि अब खुदरा बाजार में भी कीमतें कम होंगी लेकिन, रिटेल बाजार में इन दालों की कीमत घटने के बजाय बढ़ गईं हैं। इसके बाद केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने देश के रिटेलरों के साथ बैठक की। 
सरकार ने रिटेलरों को चेतावनी दी है कि थोक बाजार के अनुरूप ही खुदरा बाजार में भी कीमतें कम हो। बीते दिन सरकार ने रिलायंस रिटेल, डी मार्ट, टाटा स्टोर्स, स्पेंसर्स, आरएसपीजी, वी मार्ट जैसे बड़े रिटेलर्स के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने रिटेलर्स को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दालों की कीमतें कम नहीं हुईं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पिछले कुछ दिनों से थोक मंडियों में तुअर, चना और उड़द जैसी दालों की कीमतों में मामूली गिरावट आई है लेकिन, रिटेल बाजार में कीमत कम नहीं हुई है। उपभोक्ता मामलों के विभाग के मुताबिक पिछले एक महीने में प्रमुख मंडियों में चना, तुअर और उड़द की कीमतों में 4फीसदी तक की गिरावट आई है, लेकिन खुदरा कीमतों में समान गिरावट नहीं देखी गई है।
रिटेलर्स के साथ बैठक में सरकान ने कहा कि अगर स्टॉक सीमा का उल्लंघन, जमाखोरी और मुनाफाखोरी करते हुए पाए गए तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मतलब अब सरकार की इन कमोडिटी पर कड़ी नजर रहेगी। साथ ही जमाखोरी के नियमों का भी कड़ाई से पालन किया जाएगा। कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक दलहन का रकबा बढ़कर 62.32 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले साल यह 49.50 लाख हेक्टेयर था। दलहन में तुअर की खेती 9.66 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 28.14 लाख हेक्टेयर हो गई है। रिटेल उद्योग से दालों की कीमतों को उपभोक्ताओं के लिए किफायती रखने के सरकार के प्रयासों में हर संभव मदद करने को कहा है।