प्रभु राम के अयोध्या में विराजमान होने के बाद हर रोज एक से डेढ़ लाख भक्त उनके दर्शन और पूजन के लिए आते हैं. विशेष पर्व और उत्सव के अवसर पर यह संख्या कई लाख तक पहुंच जाती है. आज पूरे देश में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है, और इस खास मौके पर बालक राम के दरबार में विशेष भोग लगाए जाएंगे और गर्भगृह को फूलों से सजाया जाएगा. पहली बार, बालक राम के मंदिर में भगवान श्री कृष्णा का जन्म रात्रि 12:00 बजे मनाया जाएगा, जिसके दौरान बालक राम के ठाठ निराले नजर आएंगे.

इस जन्माष्टमी के अवसर पर, प्रभु रामलला सरकार छत्तीसगढ़ के बस्तर के श्रमसाधकों द्वारा बुने गए पीले खादी सिल्क से निर्मित वस्त्र धारण करेंगे. इन वस्त्रों को असली स्वर्ण-चूर्ण हस्तछपाई विधि से सुसज्जित किया गया है. विशेष पर्व और उत्सव के दौरान बालक राम विशेष वस्त्र धारण करते हैं, जिन्हें देखकर भक्त मंत्रमुग्ध हो जाते हैं.

प्रभु रामलला के वस्त्रों की खासियत
प्रभु राम का पोशाक तैयार करने वाले मनीष त्रिपाठी ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन से ही प्रभु रामलला के वस्त्र विशेष रूप से तैयार किए जा रहे हैं. प्रभु राम प्रतिदिन नए-नए पोशाक धारण करते हैं, और हर दिन के अनुसार उनके वस्त्रों के रंग का चयन किया जाता है. अयोध्या के बालक राम देश के विभिन्न राज्यों के हैंडलूम, टेक्सटाइल, और खादी से बने वस्त्र धारण करते हैं. मौसम के अनुसार भी भगवान के पोशाक में बदलाव किया जाता है. तेलंगाना की कलमकारी, उड़ीसा की कंबलपुरी, राजस्थान की लहरिया, या बनारस के बनारसी वस्त्र से प्रभु राम के वस्त्र तैयार किए जाते हैं.

सिल्क के वस्त्र
आज जन्माष्टमी का पर्व है, और बालक राम के मंदिर में यह पहला जन्माष्टमी उत्सव है. इस विशेष दिन पर, प्रभु राम सिल्क के वस्त्र धारण करेंगे, जो खादी के बने होंगे और अद्भुत कलाकृतियों से सुसज्जित होंगे. राम भक्तों को आज प्रभु रामलला नए वस्त्रों में दर्शन देंगे.