बॉम्बे हाई कोर्ट ने अमेरिकी की दिग्गज फास्ट-फूड कंपनी बर्गर किंग को अंतरिम राहत दी है। कोर्ट ने ट्रेडमार्क उल्लंघन के एक मामले में पुणे स्थित एक रेस्तरां 6 सितंबर तक ब्रांड का नाम इस्तेमाल नहीं कर सकता है। कोर्ट ने ब्रांड के नाम यूज करने पर रोक लगा दी।

पिछले हफ्ते बर्गर किंग ने हाई कोर्ट में याचिका दायर किया था। इस याचिका नें कंपनी ने पुणे की अदालत के आदेश को चुनौती दी थी। पुणे अदालत ने पुणे में स्थित बर्गर किंग भोजनालय के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन का आरोप वाले मुकदमे को खारिज कर दिया था। जिला अदालत से मुकदमा खारिज होने के बाद बर्गर किंग ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने लगाई रोक

बर्गर किंग के याचिका पर न्यायमूर्ति ए.एस. चंदुरकर और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की खंडपीठ ने 26 अगस्त 2024 (सोमवार) को कहा कि कोर्ट 6 सितंबर को कंपनी की अर्जी पर सुनवाई करेगी। कंपनी ने रेस्तरां के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग की अर्जी दी है। हाई कोर्ट ने कहा कि 2012 में पुणे की अदालत द्वारा जारी अंतरिम आदेश को बढ़ाया जाएगा। इसके तहत अब रेस्तरां "बर्गर किंग" नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।

फास्ट-फूड कंपनी ने भी रेस्तरां के खिलाफ "बर्गर किंग" नाम का इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए मुकदमा दायर किया था। कंपनी ने कहा कि रेस्तरां भी "बर्गर किंग" नाम का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे कंपनी को कारोबार में नुकसान के साथ उसकी प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंच रहा था।

2011 में दायर में हुआ था मुकदमा

बर्गर किंग कॉरपोरेशन ने साल 2011 में पुणे अदालत में मुकदमा दायर किया था। इस मुकदमें में कंपनी ने कहा था कि पुणे का एक रेस्तरां "बर्गर किंग" नाम का इस्तेमाल कर रहा है। जबकि भारत में दुकान खोलने से भी पहले अमेरिकी में बर्गर किंग कंपनी खुल गई थी।

पुणे कोर्ट तके अंतरिम आदेश के बाद अब कंपने ने उच्च न्यायालय में आवेदन दिया है। कंपनी ने अपील की है कि रेस्तरां "बर्गर किंग" नाम का इस्तेमाल न करें। कोर्ट से नाम का उपयोग करने पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की है।