इंदौर सेंट्रल जेल में बुधवार रात एक कैदी ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। उसने पजामे के नाड़े से फंदा बनाया और झूल गया। कैदी को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कैदी के भाई का आरोप है कि अगस्त में वह जेल से छूटने वाला था, किसी ने रात में मारपीट के बाद उसकी हत्या कर लटकाया है। जेल डीआईजी ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।

रात में सेंट्रल जेल से सूचना मिली कि कैदी कालू उर्फ ललित (40) पिता श्यामलाल निवासी भागीरथपुरा ने बैरक की जाली में पजामे का नाड़ा गले में कसकर फांसी लगा ली। रात में उसे प्रहरी ने देखा तो अफसरों को सूचना दी। लॉकअप खोल कर उसे पहले मेडिकल वार्ड में ले जाया गया। यहां एंबुलेंस से डॉक्टर ने एमवाय अस्पताल भेज दिया। रात 1 बजे यहां डॉक्टरों ने मौत की पुष्टि कर दी। डॉक्टरों की टीम बनाकर शव का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है।

जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने बताया, कालू 2008 से सेंट्रल जेल में तीन मर्डर केस में दोहरे आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। इसके अलावा उस पर मारपीट, लूट व कुछ अन्य मामलों में पांच, सात और तीन साल की सजा भी हुई थी। कालू नशा करने का आदी था। 7 अप्रैल को तलाशी के दौरान उसके पास से तम्बाकू मिली थी। जिसके बाद उसे अलग सेल में भेज दिया गया था।

कुछ महीने पहले पूर्व जेल अधीक्षक राकेश भांगरे के कार्यकाल में भी आजाद नगर, मूसाखेडी क्षेत्र के रहने वाले एक कैदी ने जेल के बढ़ई कारखाने में कटर से अपना गला काटकर आत्महत्या कर ली थी। परिजनों का आरोप था कि छुट्टी वाले दिन वह जेल अधीक्षक द्वारा अन्य अफसरों के दबाव में काम कराए जाने से आहत था। इसके अलावा भी जेल में कैदियों में मारपीट के मामले सामने आते रहते हैं। पिछले दिनों ही जेल में एक कैदी ने दूसरे पर ब्लेड से हमला कर दिया था। हालांकि जेल अधीक्षक ने इसकी पुष्टि नहीं की थी।