महंगाई और वित्तीय अनिश्चितता दिन-ब-दिन बढ़ जा रही है। उम्र के साथ ये जोखिम और भी ज्यादा बढ़ जाते हैं। बुजुर्ग अवस्था में सेहत से जुड़ी परेशानियां भी रोज की बात हो जाती हैं। ऐसे में अगर आपने रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग नहीं की है, तो आपको काफी मुश्किल हो सकती है।

हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं, जिसके आधार पर आप अपने रिटायरमेंट को काफी बेहतर बना सकते हैं। फिर आपको बुढ़ापे में किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी।

रिटायरमेंट प्लानिंग के वक्त आपका गोल एकदम निश्चित होना चाहिए। आप अपना रिटायरमेंट खुद निश्चित कर सकते हैं या फिर रिटायमेंट के बचे हुए साल के हिसाब से प्लानिंग कर सकते हैं। आपके रिटायमेंट में जितना कम समय होगा, आपको उतनी ही अधिक बचत करनी होगी, ताकि जल्द से जल्द रिटायरमेंट के लिए जरूरी फंड तैयार हो पाए। साथ ही, गैर-जरूरी खर्चों पर लगाम भी कसनी होगी।

कैसे तैयार करें रिटायरमेंट फंड

रिटायरमेंट के प्लान पर अमल से पहले आपको अपने सभी खर्चों का हिसाब लगाना होगा। अगर कोई कर्ज है, तो उसे भी जल्दी खत्म करने की कोशिश करें। फिर जरूरी खर्चों के बाद बचत का प्लान करें। आपको एकमुश्त पैसे नहीं बचाने हैं। आप छोटी-छोटी सेविंग के माध्यम से भी रिटायरमेंट के लिए बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। लेकिन, इसके लिए वित्तीय तौर पर अनुशासित होकर लगातार निवेश करते रहना होगा।

किस स्कीम में करें निवेश

रिटायरमेंट के लिए आप अलग-अलग स्कीमों में निवेश कर सकते हैं। लेकिन, आपको रिस्क मैनेजमेंट का ख्याल रखना होगा। इसका मतलब कि अपनी सारी बचत किसी एक स्कीम में न लगाएं। आप कुछ शेयर मार्केट में लगा सकते हैं। कुछ एसआईपी या डेट फंड में भी निवेश कर सकते हैं। गोल्ड बॉन्ड भी अच्छा विकल्प हो सकता है। इसके लिए आप किसी फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह भी ले सकते हैं।

ये योजनाएं हो सकती हैं बेस्ट

आप म्यूचुअल फंड में सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) से लंबी अवधि में बड़ा फंड बना सकते हैं। आप अपनी सहूलियत से फंड हाउस और स्कीम चुन सकते हैं। वहीं, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) भारत सरकार की स्कीम है। इसमें निवेश भी अच्छा विकल्प है। इस स्कीम में पैसा 60 साल में मैच्योर होता है। आप अटल पेंशन योजना की तरफ भी जा सकते हैं। लेकिन, आपकी कमाई इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आनी चाहिए। इसमें निवेश की आयु सीमा 18 से लेकर 40 साल तक है।