इंदौर से भोपाल और ग्वालियर जाने के लिए सबसे छोटा रेल मार्ग


भोपाल । देवास-मक्सी रेल लाइन के दोहरीकरण को लेकर एक बार फिर इंदौर से नई दिल्ली तक सरगर्मी का दौर शुरू हुआ है। रेलवे बोर्ड स्तर के अधिकारी तो पहले ही इस प्रोजेक्ट की जरूरत को समझ रहे हैं, लेकिन अब तक पश्चिम रेलवे और रतलाम रेल मंडल द्वारा इस संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं भेजने से प्रोजेक्ट का सर्वे शुरू नहीं हो पा रहा है।
लगभग 37 किलोमीटर लंबा यह रेल मार्ग इंदौर के लिए बहुत काम का है। इंदौर से देवास-मक्सी होते हुए यात्री ट्रेनें सीधे भोपाल या गुना-ग्वालियर तरफ आ-जाती हैं। इस रास्ते से ट्रेनों को उज्जैन होकर नहीं गुजरना पड़ता, जिससे यात्रियों का समय और किराया, दोनों बचता है। इसके अलावा मालगाडिय़ों के लिए भी यह रास्ता समय बचाने वाला है। देवास होते हुए उज्जैन आने-जाने वाली ट्रेनों के इंजन की दिशा उज्जैन में बदलना पड़ती है, जिससे वहां 15-20 मिनट जबरन जाया होते हैं। फिलहाल इकहरी लाइन होने के कारण रतलाम मंडल भी यहां से ज्यादा ट्रेनें नहीं चलाता।

 

ताई ने मंत्री को फिर याद दिलाई योजना


इधर, इस मामले में पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक बार फिर पत्र लिखकर फिर देवास-मक्सी लाइन के दोहरीकरण की जरूरत को रेखांकित किया है। ताई ने मंत्री को बताया है कि तत्कालीन रेलवे बोर्ड अध्यक्ष भी इस संबंध में अफसरों को दिशानिर्देश दिए थे, उसके बावजूद अफसरों ने दोहरीकरण का प्रस्ताव नहीं भेजा।