Kab Hai Nag Panchami 2023: हिंदू धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व होता है. नाग पंचमी का पर्व हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पृथ्वी का भार शेषनाग पर है, जबकि सागर मंथन के समय वासुकीनाग से सागर मंथन हुआ था, जिससे अमृत के साथ साथ कई बहुमूल्य वस्तुएं निकलीं. नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा इसलिए करते हैं ताकि सांपों का भय न हो, वे हमारी और परिवार की रक्षा करें. शास्त्रों के अनुसार, शेषनाग की शैय्या पर भगवान विष्णु शयन करते हैं और भगवान शिव के गले का हार वासुकीनाग है. आइए जानते हैं ज्‍योतिषाचार्य डा. श्रीपति त्रिपाठी से कि नाग पंचमी कब है और नाग पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है...

नाग पंचमी 2023 तिथि

ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, नाग पंचमी के लिए सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 20 अगस्त दिन रविवार की रात 09 बजकर 03 मिनट से शुरू हो रही है, और यह तिथि 21 अगस्त सोमवार को रात 09 बजकर 54 मिनट तक पंचमी तिथि है. इस दिन चित्रा नक्षत्र रात में 3 बजकर 47 मिनट तक एवं शुभ योग रात्रि में 09 बजकर 14 मिनट तक है. इस दिन तक्षक पूजा की जाएगी. सूर्योदय की तिथि के आधार पर इस साल नाग पंचमी 21 अगस्त दिन सोमवार को मनाई जाएगी.

नाग पंचमी 2023 पूजा मुहूर्त

21 अगस्त दिन सोमवार को नाग पंचमी की पूजा के लिए पूरे दिन शुभ मुहूर्त है. उस दिन आप नाग पंचमी की पूजा पूरे दिन कर सकते हैं. इस बार नागपंचमी पर दो शुभ योग बन रहे हैं.

शुभ और शुक्ल योग में है नाग पंचमी

इस साल की नाग पंचमी के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं. 21 अगस्त को प्रात:काल से लेकर रात 09 बजकर 04 मिनट तक शुभ योग है. उसके बाद से शुक्ल योग प्रारंभ होगा, जो पूरी रात तक है. इस दिन का अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है.

नाग पंचमी का महत्व

सांपों से स्वयं की और परिवार की रक्षा करने के लिए नाग पंचमी पर नागों की पूजा की जाती है. यदि किसी की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो भी नाग पंचमी पर पूजा करने से लाभ मिलता है. उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी के दिन ही खुलता है. इस दिन यहां पूजा और दर्शन करने से कालसर्प दोष शांत हो जाता है. नाग पंचमी के दिन इस मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ होती है.

पूजा विधि

इस दिन गृह द्वार के दोनों तरफ नाग का चित्र बनाकर या गोबर से सर्प आकृति बनाकर घी, दूध एवं जल से तर्पण करें. इसके साथ ही दही दूर्वा, धूप, दीप, पूष्प, माला आदि से विधि पूर्वक पूजन करें. इसके बाद गेहूं, दूध, धान के लावा का भोग लगाना चाहिए. इससे पदम तक्षक नागगण संतुष्ट होते है. पूजन कर्ता सात कुलों तक सर्प भय नहीं होता है.

नागपंचमी के दिन जरूर करें ये काम

नाग पंचमी के दिन नाग को दूध पिलाएं.

हल्दी, कुमकुम, चंदन और रोली से नागदेवता की पूजा करें और आरती उतारें.

यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसे दूर करने के लिए चांदी से बने नाग-नागिन के जोड़े को बहते पानी में प्रवाहित करें.

नाग पंचमी के दिन ब्राह्मण को चांदी के नाग -नागिन का जोड़ा दान करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और सांप के काटने का भी डर भी दूर होता है .

नागपंचमी के दिन व्यक्ति को उपवास रखना चाहिए .

इस दिन नाग देवता की पूजा के बाद नाग पंचमी के मंत्रों का जप करना चाहिए.

इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में राहु और केतु की दशा चल रही है, उन्हें भी नाग देवता की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से कुंडली में आ रही दिक्कतों से मुक्ति मिलेगी.

साथ ही ख्याल रखें की इस दिन शिवलिंग पर पीतल के लोटे से ही जल चढ़ाएं.

काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए करें ये उपाय

इस दिन रुद्राभिषेक करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. इसलिए इस दिन भगवान शिव का दूध से अभिषेक करना चाहिए.

जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष हैं, उन्हें इस दिन काल सर्प दोष की पूजा करनी चाहिए, ऐसा करने से काल सर्प दोष दूर होता है .

इसके अलावा इस दिन चांदी के नाग नागिन किसी नदी में प्रवाहित कर दें. यह उपाय भी काल सर्प दोष से मुक्ति दिलाता है.