इस्लामाबाद । पाकिस्तान में सेना की आलोचना करने वालों को जेल भेजने के लिए पूर्ववर्ती इमरान खान सरकार के एक बिल को लेकर नेशनल असेंबली में खूब बवाल हुआ। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली स्टैंडिंग कमेटी ऑन इंटीरियर ने एक नया आपराधिक कानून संशोधन बिल पारित किया है। इसके अनुसार, पाकिस्तान सशस्त्र बलों के आलोचकों को अब दो साल की जेल की सजा के साथ-साथ 500000 रुपए तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
पाकिस्तानी सांसद मोहसिन दवार ने इस बिल को लेकर तंज कसे और इसे लोगों को डराने-धमकाने वाला बताया। हालांकि, खुद इमरान खान के गृह राज्य खैबर पख्तूनख्वा की सरकार ने इस विधेयक के खिलाफ मतदान किया है। वहीं, पाकिस्तान के अन्य राज्यों ने इस विधेयक पर अभी तक अपने विचार व्यक्त नहीं किए हैं। विपक्षी दलों का तर्क है कि यह हमारी अपनी संस्थाओं के खिलाफ है। हम अपनी इन संस्थाओं के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि अच्छी नीयत से की गई आलोचना को कभी भी गलत नहीं समझना चाहिए। हमें लोगों को डराकर रखने से बचना चाहिए।
इस आपराधिक कानून संशोधन बिल के तहत, पाकिस्तान के सशस्त्र बलों और उनके किसी कर्मी के खिलाफ जानबूझकर उपहास, अपमान और मानहानि नहीं की जा सकेगी। ऐसा करने वालों को पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) की धारा 500 ए के तहत दो साल की जेल, 500000 रुपए तक का जुर्माना या दोनों सजा दी जा सकती है। इसके अलावा पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के आलोचकों को दीवानी अदालत में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।
इस बीच पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने देश के कमांडर्स और आईएसआई से जुड़े अधिकारियों सहित अन्य प्रमुख अफसरों को राजनीति से दूर रहने और राजनेताओं के साथ बातचीत से बचने के लिए कहा है। ये निर्देश उन रिपोर्ट के बाद दिए गए हैं जिनमें कहा गया है कि पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान पंजाब में आगामी उपचुनावों में हेरफेर करने के लिए कोशिश में शामिल हैं।