देशभर में जनधन खातों की संख्या 50 करोड़ के मार्क को पार कर गई है। बड़ी बात यह है कि इसमें से 56 प्रतिशत खाते महिलाओं की ओर से खोले गए हैं। वित्त मंत्रालय द्वारा ये जानकारी दी गई। जनधन खातों के तहत शून्य बैलेंस वाले खाते बैंकों की ओर से खोले जाते हैं, जिसमें डेबिट कार्ड के साथ ओवरड्राफ्ट जैसी सुविधाएं खाताधारकों को दी जाती हैं। 67 प्रतिशत जन धन खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि जन धन स्कीम के तहत खोले गए 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में हैं।

2.03 लाख करोड़ से ज्यादा रुपये जमा

जन धन खातों में 2.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक जमा है और 34 करोड़ रुपे डेबिट कार्ड इन अकाउंट्स पर जारी किए गए हैं। प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए बैंक खातों में औसत बैलेंस 4,076 रुपये है। इसमें 5.5 करोड़ खातों पर डीबीटी का लाभ मिल रहा है।

2014 में लॉन्च हुई थी स्कीम

केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री जन धन योजना को 28 अगस्त, 2014 को शुरू किया गया था। इसके जरिए सरकार बड़े स्तर पर कमजोर वर्ग को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने में सफल रही है। प्रधानमंत्री जन धन योजना के कारण ही सरकार सीधे डीबीटी के जरिए लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने में सफल हुई है। कुछ दिनों पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि पिछले नौ सालों में डीबीटी के जरिए सरकार 2.73 लाख करोड़ रुपये बचाने में सफल हुई है।

जन धन खाते में मिलते हैं कई फायदे

प्रधानमंत्री जन धन अकाउंट में शून्य बैलेंस खाते के साथ निशुल्क रुपे डेबिट कार्ड दिया जाता है। इस डेबिट कार्ड के साथ दो लाख रुपये का दुर्धटना बीमा भी मिलता है। इसके अलावा 10 हजार रुपये की ओवरड्राफ्ट की भी सुविधा मिलती है।