सिवनी ।  बाघ अंगों की तस्करी में लिप्त पिता-पुत्र समेत चार आरोपित को वन विभाग के संयुक्त दल ने गिरफ्तार किया है।26-27 सितंबर की दरम्यानी रात जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर स्थित मोहगांव से वन अमले ने खरीदार बनकर एक आरोपित प्रदीप पुत्र इतरलाल मसराम (30) जामरापानी को साठ हजार में बाघ के चार नग दांत का सौदा करते गिरफ्तार किया था। आरोपित की निशानदेही पर वन अमले ने अन्य तीन आरोपिताें को गिरफ्तार कर कुरई सामान्य वन परिक्षेत्र के जमरापानी बीट के कक्ष क्रमांक आरएफ 299 जंगल व घर से 25 नग हड्डियां जब्त की हैं। गिरफ्तार आरोपिताें को गुरूवार को न्यायालय में पेश कर दिया गया है।

तस्करी में पिता-पुत्र व पड़ोसी भी शामिल

वनमंडल अधिकारी सुदेश महिवाल ने बताया कि मुखबिर से मिली सूचना पर मंगलवार को पेंच टाईगर रिजर्व के रूखड (बफर), अरी (बफर) व दक्षिण वनमंडल के कुरई (सामान्य) परिक्षेत्र अधिकारी व वन अमले के संयुक्त दल को मोहगांव कार्रवाई के लिए भेजा गया। वन अमले ने एक आरोपित प्रदीप को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 4 नग बाघ के दांत (केनाइन) जब्त किए।

बाघ के अंगों की तस्करी में अन्य तीन आरोपिताें के नाम बताए

पूछताछ में आरोपित ने बाघ के अंगों की तस्करी में अन्य तीन आरोपिताें के नाम बताए। इनमें प्रदीप का पिता इतरलाल पुत्र बाबूलाल मसराम (56), पड़ोसी चिंतामन पुत्र सुखराम कोकेड़े (50) व दीपसिंह पुत्र नंदलाल तेकाम (43) तीनों जामरापानी गांव निवासी शामिल हैं। तीन आरोपितों को हिरासत में लेकर घर व जंगल की तलाशी ली गई। खोजबीन के दौरान आरोपित चिंतामन के घर से दो नग हड्डियां बरामद हुई है। जबकि वन अमले ने 23 नग हड्डियाें को जामरापानी बीट के कक्ष क्र. आरएफ 299 से जब्त किया है।

कबूल नहीं किया बाघ का शिकार

कुरई वन परिक्षेत्र अधिकारी राहुल धारू ने बताया कि आरोपितों ने बाघ का शिकार करने की बात अब तक कबूल नहीं की है। आरोपितों का कहना है कि करीब तीन माह पहले उन्हें जंगल में बाघ के हड्डियां व दांत मिले थे। इनमें से अधिकांश हड्डियों को उन्होंने मौके पर छिपा दिया था। चार दांत व दो हड्डी घर ले आए थे। प्रकरण में आगे की छानबीन की जा रही है। प्रकरण में अन्य कुछ आरोपितों के शामिल होने की उम्मीद है।

जंगल में की जा रही छानबीन

वन विभाग के संयुक्त दल को छानबीन के दौरान जामरापानी गांव से करीब दो-तीन किमी दूर कक्ष क्र. आरएफ 299 के जंगल में नाला के पास बाघ शिकार से जुड़े अवशेष नहीं मिले है। अनुमान लगाया जा रहा है कि तीन माह पहले बाघ के शव को ठिकाने लगा दिया गया होगा। बाघ के शिकार में गिरफ्तार चारों आरोपितों शामिल हैं या नहीं जांच वन विभाग की जांच पूरी होने के बाद स्पष्ट हो सकेगा।