जनता पर नहीं बढ़ेगा करों का बोझ
बजट-पूर्व चर्चा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने दिया संकेत
भोपाल । अगले महीने मप्र विधानसभा के मानसून सत्र में मोहन सरकार अपना पहला बजट पेश करेगी। इस बजट की तैयारियों के सिलसिले में प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार सुबह उद्योग समूह एवं वित्तीय संस्थाओं से जुड़े विशेषज्ञों के साथ संवाद किया। आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी के सभागार में आयोजित इस संवाद कार्यक्रम में वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि हमें लोगों की वित्तीय साक्षरता पर ध्यान देना होगा। रबी फसल आने पर निकासी बढ़ती है और खरीफ में जमा बढ़ता है। मंडियों में ट्रांजेक्शन नकद में अधिक होता है। 55 प्रतिशत नकद में लेन-देन होता है। स्कूल स्तर से ही वित्तीय साक्षरता पर जोर रहे। 75-76 लाख केसीसी है। 12 प्रतिशत एनपीए है। इससे अगला लोन प्रभावित होता है। 92 क्लस्टर 23 जिलों में हैं। इसमें समानता होनी चाहिए। सिंचाई के क्षेत्र में हमें अपना निवेश जारी रखना होगा।
उपमुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा ने कहा कि बजट सभी वर्गों के हित में होगा। जनता पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा। उन्होंने संकेत दिए कि सरकार कोई कर नहीं बढ़ाएगी। कोई भी योजना बंद नहीं होगी। कांग्रेस के बार-बार प्रदेश के ऊपर कर्ज अधिक होने और अर्थव्यवस्था को लेकर उठाए जाने वाले प्रश्नों पर कहा कि वह बौखला गई है। उसे आत्म चिंतन चाहिए करना चाहिए। कर्ज निर्धारित सीमा के भीतर ही लिया जा रहा है। कोई भी योजना बंद नहीं होगी। सबके लिए बजट प्रविधान होंगे।
वित्त विभाग लगातार कर रहा नवाचार
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि वित्त विभाग कई नवाचार कर रहा है। हमने बजट को लेकर जनता से इस वर्ष भी सुझाव मांगे हैं क्योंकि प्रदेश का बजट जनता का बजट है, और जनता द्वारा बजट बनाया जाना, हमारे लोकतंत्र की अवधारणा को मजबूत करता है। हमने परंपरा विकसित की है कि आम जनता, प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों तथा विषय विशेषज्ञों की वैचारिक भागीदारी से मिले बहुमूल्य सुझावों के आधार पर प्रदेश के बजट को प्रगतिशील स्वरूप दिया जाए। यह निरंतर तीसरा वर्ष है, जब हम पुन: आप सभी के सुझावों के आधार पर प्रदेश का बजट और अधिक विकसित, उन्नति, लोक कल्याणकारी व परिणाम जनक बनाने का कार्य करेंगें।
आम जनता से भी सुझाव लिए
देवड़ा ने कहा कि हमने वेबसाइट, ई-मेल, फोन और डाक से आम जनता से भी सुझाव प्राप्त किए हैं। महत्वपूर्ण सुझावों के आधार पर हमारी सरकार ने चाइल्ड बजट लागू किया। पेसा एक्ट को प्रभावी रूप से लागू किया। स्वास्थ्य क्षेत्र में समुचित बजट का प्रावधान रखा है। साथ ही सेमी कंडक्टर कंपनियों का प्रोत्साहन, गैर पारंपरिक ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहन दिया है। एमएसएमई सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया गया। औद्योगिक विकास की नीतियों को सरल बनाने जैसे कार्य भी किए।
बजट में इनके सुझाव लिए
बजट संवाद के दौरान आरबीआई के महाप्रबंधक हेमंत सोनी, नाबार्ड के उप महाप्रबंधक नंदू जे. नाइक, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक फाइनेंस एंड पालिसी नई दिल्ली के प्रताप रंजन जेना भी मौजूद हैं। इस संवाद में कांता सिंह डिप्टी कंट्री रिप्रजेंटेटिव यूएन वूमेन इंडिया, मिस ह्यून ही बान चीफ सोशल पालिसी यूनिसेफ इंडिया, सिद्धार्थ चतुर्वेदी एक्स चेयरमैन सीआईआई, योगेश दुबे भारतीय वन प्रबंधन संस्थान, केवी प्रताप सीनियर इकोनॉमिक एडवाइजर भारत सरकार के भी सुझाव लिए गए। गौरतलब है कि वित्त और वाणिज्यिक कर विभाग के मंत्री व उप मुख्यमंत्री देवड़ा आने वाले 10 दिनों में अब संभागीय स्तर पर बैठकें करके लोगों से सुझाव लेंगे। इसके पहले वित्त विभाग ने लोगों से ऑनलाइन और आफ लाइन सुझाव भी बजट को लेकर मांगे हैं।