आजादी के 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले का एल्मागुंडा गांव पहली बार बिजली से रोशन हुआ। इस गांव को बिजली के लिए साढ़े सात दशकों तक इंतजार करना पड़ा।छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के समन्वय से काम करने वाली जिला पुलिस के प्रयासों से 14 अगस्त को यह उपलब्धि हासिल की गई। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों को नक्सलियों की गतिविधियों से अवगत कराने और उन्हें अपने गांव के विकास पर जोर देने के लिए मनाने के लिए उनके साथ बैठकें की गईं। ग्रामीणों से भी आग्रह किया गया कि वे नक्सलियों से दूरी बनाकर रखें।एल्मागुंडा गांव में सुरक्षा बलों का एक शिविर स्थापित किया गया था और इससे विकास कार्यों को गति मिली है। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा कि इन सुदूर गांवों में सुरक्षा शिविर एकीकृत विकास केंद्र के रूप में भी काम कर रहे हैं।