चुनावी सभाओं, रोड शो और रैलियों में पिछड़ी कांग्रेस


भोपाल । मप्र में 17 नवंबर को मतदान होगा। मतदान से पहले मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए चुनावी सभाओं, रोड शो और रैलियों का दौर शुरू हो गया है। इस मामले में भाजपा सबसे आगे है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव प्रचार में सबसे आगे हैं। वे अभी तक करीब 60 से अधिक विधानसभा सीटों पर चुनावी सभा, रोड शो और रैलियां कर चुके हैं। वहीं अगर पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ की बात करें तो उन्होंने अभी तक शिवराज से पांच गुना कम सभाएं कम की है।
भाजपा के आधा दर्जन से ज्यादा दिग्गज नेता 230 विधानसभा क्षेत्रों में से लगभग आधे क्षेत्रों को नाप चुके हैं। जबकि कांग्रेस के नेता अभी तक 10 प्रतिशत ही क्षेत्रों में पहुंचे हैं। दरअसल कांग्रेस की तरह से सिर्फ कमलनाथ ही अब तक दौरे कर रहे हैं, जबकि भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, प्रहलाद पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अश्विनी वैष्णव, राजनाथ सिंह और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा दौरे कर रहे हैं। इनमें से शिवराज सिंह चौहान ने अब तक 60 विधानसभा क्षेत्रों में रोड शो और सभाएं कर दी है। कांग्रेस की ओर से मलिकार्जुन खडग़े, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कमलनाथ, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, अरुण यादव, अजय सिंह समेत अन्य नेता मैदान हूं।


सबसे ज्यादा सभाएं शिवराज की
पिछले तीन चुनाव की ही तरह इस चुनाव में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तूफानी दौरे कर रहें हैं। वे एक दिन में 6 से लेकर 10 तक सभाएं और रोड शो कर रहे हैं। इसी तरह केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल भी लगातार सभाए कर रहे हैं। वे 30 क्षेत्रों में जा चुके हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर 25, ज्योतिरादित्य सिंधिया 15 कैलाश विजयवर्गीय 21 विधानसभा क्षेत्रों में जा चुके हैं। इन नेताओं के अलावा फग्गन सिंह कलस्ते भी सभा कर रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान अब तक सांची, हनुमना (मउगंज), नरसिंहपुर, मुलताई, नर्मदापुरम, मुलताई, टिमरनी, बुदनी, राजनगर (छत्तरपुर), बुधनी, सिवनी मालवा, सोहगापुर, जावद, गरोठ, जावरा, महिदपुर, सुसनेर, सांवेर, देपालपुर, पुष्पराजगढ़, डिंडोरी, शाहपुरा, लखनादौन, देवरी, टीकमगढ़, पृथ्वीपुर, महाराजपुर, गुन्नौर, रैगांव, सतना, खरगापुर, बिजावर, पथरिया, हटा, मुड़वारा, पनागर, जबलपुर, मनावर, गंधवानी, सरदारपुर, धार, रतलाम, डॉ. अम्बेडकर नगर महू, राऊ, इंदौर, ब्यौहारी, धौहनी, सिंहावल, चितरंगी, सिंगरौली, उमरिया, सीधी, शहडोल में सभाएं कर चुके हैं।  प्रदेश में लोकतंत्र के उत्सव में वोटों की आहुतियां डालने के लिए अब महज 11 दिन ही बाकी हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ गई है। कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज नेताओं ने मैदान संभाल लिया है। लगातार उनकी चुनावी सभाएं और रोड शो हो रहे हैं। सत्तारूढ़ भाजपा के मुकाबले कांग्रेस चुनावी सभाओं, रोड शो और रैलियों में पिछड़ी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बात करें तो वे सबसे ज्यादा सभाएं कर रहे है। आलम यह है कि हर रोज वे औसतन 6 सभाएं, रोड शो कर रहे हैं। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ दो सभाएं और रोड शो ही कर रहे हैं।


प्रचार मुकाबले में पीछे छूटे नाथ
शिवराज सिंह चौहान के मुकाबले में कमलनाथ धीमी गति से सभाएं कर रहे हैं। कमलनाथ हर दिन एक या दो सभाएं कर रहे हैं। कमलनाथ शाहपुर, दमोह, इंदौर, परासिया, रायसेन, कुरवाई, करेली सुरखी, खुरई, मंदसौर, नीमच, कटंगी, शाहपुरा, विजयपुर, श्योपुर, विजयपुर, डिंडोरी औ दतिया में दौरा कर चुके है। वहीं दिग्विजय सिंह दतिया, गुना, खातेगांव, बागली में सभाएं कर चुके हैं।


कल सीएम ने साथ, नाथ ने की दो सभाएं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को 7 सभाएं कीं। उमरिया के चंविया व शहडोल के ब्यौहारी आमडीह की सभा में फिर सीएम बनने का मौका मांगा। चंदिया में शिवराज ने कहा, प्रदेश का विकास करते- करते यहां तक ले आए हैं। और आगे ले जाना चाहते हैं। अगला लक्ष्य लाड़ली बहनों को लखपति बनाना है। उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते कहा- कमलनाथ भष्टाचार के मॉडल हैं। सवा साल में योजनाएं बंद कर दी थी। बाद में वे जनता के बीच पहुंचे। बुजुर्ग महिलाओं के गले लगकर आशीष मांगा। उन्होंने बांधवगढ़, ब्योहारी, धवनी, चुरहट, सिंहावल, चितरंगी, सिंगरौली में सभा व रोड शो किए। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने रविवार को दो सभाएं कीं। श्योपुर के विजयपुर और दतिया की सभा में उन्होंने भाजपा सरकार को घेरा। दतिया में कमलनाथ बोले- शिवराज ने प्रदेश को चौपट कर दिया। दतिया की स्थिति और खराब है। यह भ्रष्टाचार की राजधानी बन गया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर तंज कसते हुए बोले- मैं सुनता हूं आप कैसे घर तुड़वाते हैं। केस लगवाते हैं। जमीनों पर कब्जा कराते हैं। समझ लें। कल के बाद परसों भी आता है। बोले- ये कमलनाथ 2018 नहीं, 2023 मॉडल है। प्रदेश में गुलामी 29 दिन में खत्म हो जाएगी।