छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में महिला समूह द्वारा रंग बिरंगी राखियां बनाई जा रही हैं। जो लोगों के बीच में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मौली धागा, मोती जैसी कई देशी वस्तुओं को मिलाकर आकर्षक राखियां समूह की महिलाएं तैयार कर रही हैं। इस वर्ष भी भाइयों की कलाई पर यह देशी राखियां सजेंगी। रीपा केंद्रों की स्थापना स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों को आजीविका के नए साधनों से जोड़ने के लिए की गई है। साथ ही स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्री से बाजार की मांग आधारित उत्पादन तैयार कर व्यवसाय करना है। यही कारण है कि विकासखंड पंडरिया के ग्राम मैनपुरा की महालक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह ग्राम पंचायत मजगांव की कुसुम महिला ग्राम संगठन एवं अन्य समहू द्वारा राखियों का निर्माण किया जा रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तहत महिलाओं को समूह से जोड़ा गया है। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि जिले के सभी आठ रीपा केंद्रों में समूह को सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जिससे वह उद्यमी के रूप में आगे बढ़ सके। यही कारण है कि रीपा केंद्र में स्थापित व्यवसाय के साथ सीजनल व्यवसाय भी किया जाता है। समूह द्वारा राखी का निर्माण स्वयं करते हुए इसकी पैकेजिंग मार्केटिंग एवं विक्रय का कार्य स्वयं किया जा रहा है। समूह द्वारा प्रत्येक वर्ष राखी त्यौहार के अवसर पर मनमोहक राखियां तैयार की जाती हैं। जिसकी बाजार में बहुत मांग रहती है क्योंकि लोग इसे बहुत पसंद करते हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत संदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि समूह द्वारा तैयार राखियां कलेक्टर कार्यालय परिसर, जनपद पंचायत कवर्धा परिसर, रीपा केंद्र एवं बाजार में समूह के दुकानों पर बिक्री के लिए उपलब्ध होंगी। अभी तक महिला समूह द्वारा लगभग 15 से 20 हजार रुपए की राखियां बेची जा चुकी हैं। महिलाओं द्वारा तैयार राखियां क्षेत्र के लोगों को बहुत पसंद आ रही हैं क्योंकि यह आकर्षक एवं मनमोहक होने के साथ-साथ कम दरों पर मिल रही हैं।