ग्वालियर । प्रदेश के ग्वालियर स्थित एनआरआई कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट में पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों की जांच अब उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जज राजेन्द्र कुमार वर्मा करेंगे। श्री वर्मा अपनी जांच रिपोर्ट 31 अगस्त 2023 तक राज्य शासन को प्रस्तुत करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देर रात ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। बताया जा रहा है कि यह कॉलेज भिंड से बसपा विधायक संजीव कुशवाह का है।  इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने गुरूवार को ही आरोप सामने आने पर परिणाम पर रोक लगाते हुए नियुक्तियों पर रोक लगा दी है। विधायक के कालेज से पटवारी चयन परीक्षा में 114 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। प्रदेश की टाप टेन मेरिट में इस केद्र के सात अभ्यर्थी आए हैं। इसको लेकर परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगाए जा रहे थे। कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से आयोजित ग्रुप-2 , सब ग्रुप-4 और पटवारी भर्ती परीक्षा की जांच के लिये उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधिपति राजेन्द्र कुमार वर्मा को नियुक्त किया गया है। जांच में उक्त परीक्षा से संबंधित शिकायतों एवं जांच के दौरान उद्भूत अन्य प्रासंगिक बिंदुओं पर भी जांच की जाएगी। जांच के निष्कर्षों के आधार पर यथोचित अनुशंसाएं 31 अगस्त 2023 तक राज्य शासन को प्रस्तुत होंगी। मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) ने बीते मार्च-अप्रैल में ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) और पटवारी भर्ती परीक्षा पूरे प्रदेश में कराई थी, जिसमें ग्वालियर के इस कालेज को भी केंद्र बनाया गया था। इस कालेज के सात अभ्यर्थियों ने टाप 10 में जगह बनाई है। उन्होंने कुल 200 अंकों वाली पटवारी परीक्षा में 174.88 से लेकर 183.86 तक अंक हासिल किए हैं। टाप में आए उम्मीदवारों के रोल नंबरों की सीरिज भी एक जैसे अंक ‘2488 से शुरू होती है। हस्ताक्षर कालम में पांच अभ्यर्थियों ने सिर्फ अपना नाम लिखा है। बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिवनी में आयोजित एक जनसभा में कहा कि पटवारी भर्ती में थोड़ा सा संदेह पैदा हुआ, तो मैंने तय कर दिया कि अभी नियुक्ति नहीं, जांच होगी। अगर गड़बड़ी मिली, तो दोषियों को मामा ठीक कर देगा। जब तक संदेह दूर नहीं होगा, नियुक्तियां नहीं होगी।