पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षा दे रहे छात्रों को परिणाम के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अप्रैल में ही वार्षिक परीक्षाओं के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन सिस्टम में बदलाव किया है। इस बार उत्तर-पुस्तिकाओं का केंद्रीय मूल्यांकन चल रहा है।

विश्वविद्यालय की परीक्षाएं मार्च में शुरू हुईं। मार्च के दूसरे सप्ताह से ही उत्तर-पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू हो गया है। मूल्यांकनकर्ता विश्वविद्यालय परिसर में ही आकर कापी जांच रहे हैं। कई विषयों की कापियों की जांच हो चुकी है। विश्वविद्यालय प्रबंधन इसी महीने से परिणाम जारी करने की तैयारी कर रहा है।

अगले कुछ दिनों में सार्टिफिकेट कोर्स और जिन कोर्स में छात्रों की संख्या कम है, उनके परिणाम जारी होंगे। बीए, बीएससी, बीकाम, बीसीए समेत अन्य में सबसे पहले बीसीए और बीकाम फाइनल के परिणाम जारी होने की संभावना है। परीक्षाएं महीने के तीसरे सप्ताह तक चलेंगी। लगभग एक लाख 40 हजार छात्र-छात्राएं परीक्षा दे रहे हैं।

परीक्षाएं मार्च में ही होती हैं शुरू

विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं हमेशा मार्च के प्रथम सप्ताह में ही शुरू होती हैं। पिछले वर्षों में परीक्षाओं के नतीजे मई-जून से आना शुरू होते थे। लेकिन इस बार जून तक सभी परिणाम जारी करने की तैयारी है। परिणाम की लेटलतीफी के कारण कई बार छात्रों को नुकसान भी होता था। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने से चूक जाते थे, जिसके कारण छात्रों में नाराजगी रहती थी।

अधिकारियों ने बताया कि पहले भी परीक्षाएं शुरू होने के बाद अगले सप्ताह से ही कापियों का मूल्यांकन शुरू हो जाता था, लेकिन पहले सिस्टम दूसरा था। परीक्षा समाप्त होने के 15 दिन बाद परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। विश्वविद्यालय में केंद्रीय मूल्यांकन सिस्टम पिछले वर्ष पूरक परीक्षाओं के साथ लागू हुआ। इसके बाद दिसंबर-जनवरी में हुई सेमेस्टर परीक्षाओं में भी इसी सिस्टम के तहत उत्तर-पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया गया। वार्षिक परीक्षाओं की कापियां भी इसी सिस्टम के तहत जांची जा रही है।