मप्र में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी
भोपाल । आगामी साढ़े चार साल के दौरान प्रदेश को विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव योजना बनाकर काम करेंगे। इसके लिए उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है युवा और तेजतर्रार अफसरों को बड़ी जिम्मेदारी देना। अपनी इस रणनीति को अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी कर रही है। इसके तहत मंत्रालय से लेकर फील्ड तक नहीं जमावट की जाएगी। इस जमावट में युवा आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को जिलों की कमान सौंपी जाएगी।
गौरतलब है की लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार ने चुनाव आयोग के दिशा निर्देश पर जनवरी, फरवरी और मार्च में बड़े स्तर पर तबादले किए। लेकिन अब लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के समाप्त होने पर सरकार अपनी रणनीति के तहत तबादले करेगी। यानी मंत्रालय से लेकर जिलों में आईएएस अफसरों की पदस्थापना में फेरबदल किया जाएगा। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि प्रशासनिक फेरबदल के संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन गादव मुख्य सचिव वीरा राणा से प्रारंभिक दौर की चर्चा कर चुके हैं।
बनाई जा रही अफसरों की सूची
सूत्रों का कहना है की मुख्यमंत्री की मंशानुसार मुख्य सचिव कार्यालय ग्रेडेशन लिस्ट के आधार पर अफसरों के नामों की सूची बना रहा है। जल्द ही मुख्यमंत्री सूची का परीक्षण कर अधिकारियों से चर्चा के बाद नाम फाइनल करेंगे। सूत्रों का कहना है कि आईएएस अफसरों की नई पदस्थापना में चुनावी फीडबैक और आचार संहिता के दौरान जिलों में अफसरों के कार्यों की समीक्षा भी आधार रहेगी। खराब परफॉरमेंस वाले अधिकारियों को फील्ड से हटाकर उनकी मंत्रालय में पदस्थापना की जाएगी। गौरतलब है की कई अधिकारी संवानिवृत होने वाले है। वरिष्ठ आईएएस राकेश सिंह इसी माह संवानिवृत्त होंगे। वे वर्तमान में प्रबंध संचालक मत्स्य महासंघ के पद पर पदस्थ हैं। कमिश्नर रीवा गोपाल चंद्र डाड व संचालक उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण शशि भूषण सिंह जून में सेवानिवृत होगे। इसी तरह से आईपीएस अफसरों में शामिल स्पेशल डीजी डॉ अशोक अवस्थी जून में, एडीजी अनुराधा शंकर सिंह मई में और आईजी आरआरएस परिहार जून में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके अलावा कई मैदानी अफसरों की नेताओं व विधायकों से पटरी नहीं बैठ रही है। उन्हें भी बदला जाना है। इन अधिकारियों के सेवानृित्त होने के बाद रिक्त पदों पर नए अफसर पदस्थ किए जाएंगे।
2015 बैच के आईएएस बनेंगे कलेक्टर
मंत्रालयीन सूत्रों का कहना है की मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा है की युवा अधिकारियों को जिलों में बड़ी कमान सौंपी जाए। ऐसे में लंबे समय से जिलों की कमान संभाल रहे अफसरों को भी हटाया जाएगा। उनके स्थान पर युवा अधिकारियों की पोस्टिंग की जाएगी। प्रशासनिक सर्जरी का सबसे ज्यादा इंतजार वर्ष 2015 बैच के आईएएस अधिकारी कर रहे है। मप्र में कैडर मिस मैनेजमेंट के कारण अब तक 2015 बैच के अधिकारियों की जिला कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग नहीं हुई है, जबकि उड़ीसा में 2018 मैच, छत्तीसगढ़ में 2017 और राजस्थान में 2016 बैच के आईएएस अफसर जिला कलेक्टर बनाए जा चुके हैं। मप्र में अभी 2014 बैच के कुछ आईएएस अधिकारियों का जिला कलेक्टर के पद पर पदस्थ होना शेष है। आचार संहिता हटते ही 2015 बैच के अफसरों की जिला कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग शुरू होगी। अब तक कलेक्टर के पद पर पदस्थापना नहीं होने से इन अफसरों में सरकार के प्रति नाराजगी है। मप्र कैडर में 2015 बैच के 16 अधिकारी है। हालांकि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले राज्य शासन ने आनन-फानन में बड़ी संख्या में आईएएस, आईपीएस, एसएएस और एसपीएस सेवा के अफसरों के बड़ी संख्या में तबादले किए थे। इस प्रशासनिक फेरबदल में कुछ जिलों के कलेक्टर और पलिस अधीक्षक भी बदले गए थे।