पाकिस्तान क्रिकेट टीम में यादगार वापसी करते हुए सरफराज अहमद ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिले मौके को दोनों हाथों से भुनाया। चार साल बाद टेस्ट खेल रहे सरफराज पाकिस्तान के टॉप स्कोरिंग बल्लेबाज के रूप में उभरे और उन्होंने कराची मैच में एक यादगार मैच बचाने वाला शतक भी बनाया। सीरीज के बाद, जब पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम से पूछा गया कि क्या सरफराज को इतने लंबे समय तक टीम का हिस्सा नहीं देखकर उन्हें कोई 'पछतावा' है, तो वह इस पर भड़क गए।
सरफराज की पाकिस्तान क्रिकेट टीम में वापसी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) में हुए बदलावों के परिणामस्वरूप हुई। रमीज राजा के पीसीबी अध्यक्ष के रूप में हटने, नजम सेठी के बोर्ड अध्यक्ष के रूप में और शाहिद अफरीदी को मुख्य चयनकर्ता के रूप में आने के बाद हुआ है। यह अफरीदी ही थे जिन्होंने सरफराज को वापस बुलाया और यह कहना उचित होगा कि अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज ने निराश नहीं किया। 
दूसरे टेस्ट की समाप्ति के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने बाबर से पूछा- सरफराज ने पाकिस्तान की इज्जत बचाई। आप नहीं समझते कि सरफराज को इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में भी मौका मिलना चाहिए था? आपको पछतावा है कि वह चार साल तक टीम में नहीं थे? इस पर बाबर ने कहा- नहीं, मुझे कोई पछतावा नहीं है। बाबर इस जवाब के बाद इधर-उधर देखने लगे।
न्यूजीलैंड के खिलाफ दो मैचों में सरफराज ने 83.75 की औसत से 335 रन बनाए। सरफराज को दूसरे टेस्ट के लिए प्लेयर ऑफ द मैच और फिर प्लेयर ऑफ द सीरीज भी चुना गया। न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में दोनों मैच ड्रॉ रहे। इससे पहले इंग्लैंड के खिलाफ पाकिस्तान को 3-0 से क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा था।