भोपाल ।  उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी अनिल पाठक को एक बार फिर मंत्रालय से हटा दिया है। उन्हें उनके मूल पदस्थापना स्थल उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान भोपाल में पदस्थ किया है। निजी विश्वविद्यालयों में फर्जी डिग्री देने के मामले में अनिल पाठक की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। इस मामले की पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) तक शिकायत हुई थी। पीएमओ के संज्ञान लेने के बाद मप्र के निजी विश्वविद्यालयों द्वारा फर्जी डिग्री मामले की उच्चस्तरीय जांच शुरू की गई थी। तत्कालीन अपर मुख्य सचिव शैलेंद्र सिंह ने मामले में अनिल पाठक, निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष भरत शरण सिंह सहित अन्य की भूमिका पर सवाल उठाते हुए जांच के दायरे में लिया था। इनके विरुद्ध जांच शुरू करने एवं इन्हें पद से हटाने के लिए तत्कालीन अपर मुख्यसचिव शैलेंद्र सिंह ने मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रस्ताव भेजा था। शैलेंद्र सिंह ने अनिल पाठक को हटाकर उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान भोपाल में पदस्थ किया था। शैलेंद्र सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद केसी गुप्ता ने उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार संभाला और पाठक की मंत्रालय में वापसी हो गई। इसके बाद एसीएस केसी गुप्ता के निर्देश पर 18 अप्रैल को पाठक को हटाने का आदेश जारी कर दिया गया है।