भोपाल । अब सौर ऊर्जा से ज्यादा बिजली बनाने की तकनीक आ रही है। इससे नीले रंग के सिलिकॉन से बने अपारदर्शी पैनल से निजात मिलने के साथ ही रंग-बिरंगे पारदर्शी व अपारदर्शी शीट का आनंद भी मिलेगा। पेरोस्काइट तकनीक वाले इस पैनल को आप शेड की तरह भी इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे ऊपर बिजली बनेगी और नीचे आप धूप और बारिश से बचते रहेंगे। यही नहीं इसे खिड़की या दरवाजे के शेड और दीवार पर भी लगाकर बिजली बनाई जा सकती है।
सौर सेल की पतली डिवाइस वाले पेरोस्काइट सोलर पैनल सौर ऊर्जा को बिजली में बदलने का एक नवाचार है। पेरास्काइट एक कैल्शियम टाइटेनियम ऑक्साइड खनिज है। ये सिंथेटिक यौगिक होते हैं जिनमें एक ऑर्थोरोम्बिक क्रिस्टल संरचना होती है। ये रोशनी से बिजली बनाने में मददगार हैं।
3 से 45 फीसदी क्षमता वाले पैनल
वर्ष 2009 में सोलर पैनल महज तीन प्रतिशत सौर ऊर्जा को ही बिजली में बदल पाते थे। इसके बाद तकनीकी में बदलाव हुए। अभी 23 प्रतिशत सौर ऊर्जा को बिजली में बदला जा रहा है। नई तकनीक में 45 फीसदी तक बिजली मिलेगी।
ऐसे बढ़ेगा बिजली उत्पादन
अभी 120 वर्गफीट की छत पर पैनल लगाकर चार यूनिट बिजली रोजाना बनाई जाती है। नई पेरास्काइट तकनीक वाले पैनल से 120 वर्गफीट की छत पर सात यूनिट के करीब बिजली उत्पादन होगा। एके चौधरी एक्सपर्ट सौर ऊर्जा का कहना है कि पेरोस्काइट पैनल बेहतर हैं। ये कम जगह में ज्यादा बिजली बनाकर जरूरतों को पूरा करेंगे। इसे घरों में लगाना भी काफी आसान है।