भोपाल। नए साल का दूसरा रविवार राजधानी के कलमकारों के लिए कुछ अलग तरह का दिन था। कलम कुछ ठहरी थी, कैमरे कुछ थमे हुए थे और प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कर्णधार नए साल के स्वागत में खुशियां लुटाते नजर आ रहे थे। नववर्ष मिलन का ये आयोजन ब्राइट जर्नलिस्ट वेलफेयर सोसायटी (रॉयल प्रेस क्लब) ने संजोया था। राजधानी के कमोबेश सभी अखबारों और न्यूज चैनल और न्यूज पोर्टल से जुड़े कलमकार खबरों की दौड़ छोड़कर आयोजन में शामिल होने पहुंचे थे। पत्रकारों की खबरों की व्यस्तता के चलते सीमित समय के लिए रखे गए इस आयोजन की शुरुआत पुष्पेंद्र पाल सिंह, वरिष्ट पत्रकार वीरेंद्र शर्मा, रिजवान अहमद सिद्दीकी, प्रकाश तिवारी, आदि ने मंच पर मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित कर की। इस बीच चंबल, निमाड़, मालव, बुंदेलखंड आदि क्षेत्रों से संबंध रखने वाले पत्रकारों ने अपनी अपनी क्षेत्रीय भाषा में उद्बोधन देकर श्रोताओं को लुभाया। पत्रकार सुधीर दंडोतिया, सचिन जैन, संदीप मिश्रा ने अपनी क्षेत्रीय भाषा में पत्रकारों को संबोधित कर दिल जीत लिया।  कार्यक्रम के दौरान सभी पार्टियों के प्रवक्ताओं, अधिकारियों, कारोबारियों और शहर के गणमान्य नागरिकों ने भी कार्यक्रम में पहुंचकर कलमकारों को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। बीजेपी नेता डॉ हितेश वाजपई, जेपी धनोपिया, अब्बास हफीज़, सिद्धार्थ राजावत, नरेंद्र सलूजा, अवनीश, भाजपा मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर नेहा बग्गा, गिरीश शर्मा जिला उपाध्यक्ष बीजेपी, यश भारतीय आदि भी शामिल थे। ब्राइट जर्निलिस्ट वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष पंकज भदौरिया,  जिलाध्यक्ष नीतीश मिश्रा, संयोजक राजेश राय, सचिव युनुस खान ने कार्यक्रम में शरीक सभी साथियों का स्वागत किया। संस्था के पदाधिकारियो ने मंचासीन अतिथियों को संस्था के स्मृति चिन्ह सौपे और उनके साथ स्वरुचि भोज किया।  
 

लोकतंत्र को बचाने आत्मनिर्भर बनें मीडिया-

राजधानी में आयोजित हुए ब्राइट जर्नलिस्ट वेलफेयर सोसाइटी के नव वर्ष मिलन समारोह को संबोधित करते हुए अध्यक्ष पंकज सिंह भदोरिया ने कहा कि अगर आज के समय में लोकतंत्र को बचाना है, तो मीडिया को स्वयं आत्मनिर्भर बनना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रति हमें प्रतिपक्ष की भूमिका निभानी होगी। एक दशक से मीडिया अपनी लोकतंत्र की भूमिका को खो चुकी है। भदोरिया ने कहा कि अगर इसी तरह से मीडिया की भूमिका चलती रही तो 1 दिन वह होगा जब लोग मीडिया की निष्पक्षता को भूलकर सोशल मीडिया की ओर ज्यादा रुख करने लगेंगे। जिला अध्यक्ष नीतीश मिश्रा ने कहा कि अगर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को बचाना है तो तो राष्ट्रीय भाषा पर ज्यादा ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि भाषा और बोली पत्रकार का सुरक्षा कवच होता है। इस मौके पर 
 

जमी संगीत की महफिल-

कार्यक्रम को खुशनुमा माहौल देने  के लिए आयोजकों ने यहां कव्वाली की महफिल भी सजाई थी। जिसे इंडियन आइडल के पार्टिसिपेंट मशहूर लईक कव्वाल ने अपने सुरों से सजाया। बीजेपी नेता गिरीश शर्मा और मशहूर कव्वाल लईक खान के जंगी मुकाबले ने शमा बांध दिया। इसके अलावा आमंत्रित पत्रकारों, कैमरामेन ने भी अपने अंदाज में गीत, गजल, शायरी और हास्य किस्से पेश किए। कार्यक्रम के अंत में सभी ने डांस कर कार्यक्रम के सफल आयोजन की खुशिया मनाई
 

ये हुए शामिल-

पंकज भदोरिया, सुनील दत्त तिवारी, दीपक बिरला, नीतीश मिश्रा, राजेश राय, यूनुस खान, गणेश तिवारी, राजेश आर्य, विजय तिवारी, सुशील यादव, परमेश्वर राव,  चंदन गुप्ता, संदेश नेमा, नवीन जोशी, जुबेर कुरैशी, सुनील श्रीवास्तव, ह्द्येश धारवार,  आदि मौजूद रहे। डॉ मेहताब आलम, सुनील श्रीवास्तव सहित बडी संख्या में प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया, बेव मीडिया, डिजीटल मीडिया के पत्रकार, कैमरामेन, फोटोग्राफर सहित बडी संख्या में मीडिया में काम करने वाले साथी शामिल हुए। 

दिवगंत पत्रकारों की दी श्रद्धांजलि-

संस्था के पदाधिकारियों के द्वारा कोराना काल में दिवंगत हो चुके पत्रकार साथियों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी और दो मिनिट का मौन धारण किया