इस्‍लामाबाद। इस्‍लामाबाद हाईकोर्ट के जजों ने  सुप्रीम ज्‍यूडीशियल काउंसिल को चिट्ठी लिखकर उन्‍हें अपनी आप बीती सुनाई है। इन जजों ने आईएसआई के आतंक से छुटकारा दिलाने की भी गुहार लगाई है। जजों का आरोप है कि आईएसआई जजों के बेडरूम में खुफिया कैमरे लगती है और फर्जी वीडियो बनाकर उन्‍हें ब्‍लैकमेल किया जाता है। इससे परेशान हाईकोर्ट के छह जजों ने पाकिस्तान के सुप्रीम न्यायिक काउंसिल को चिट्ठी लिखकर जांच कराने की मांग की है।
पाकिस्तान में खुफिया एजेंसी आईएसआई वैसे तो आतंवादियों को भारत के खिलाफ उकसाता ही रहता है। लेकिन अब उसका एक और काला सच सामने आया है। आतंकवादियों को पनाह देने वाली खुफिया एजेंसी अब अपने ही देश के जजों को ब्लैकमेल कर रही है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि इस्‍लामाबाद हाईकोर्ट के जज ही आईएसआई पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। अब हाईकोर्ट के जजों ने देश के सुप्रीम ज्‍यूडीशियल काउंसिल को पत्र लिखकर उन्हें आईएसआई  एजेंटों के आतंक से बचाने की गुहार लगाई है। जजों का आरोप है कि आईएसआई उनके बेडरूम में खुफिया कैमरे लगाए जाने के साथ ही उनके रिश्‍तेदारों को अगवा कर उनपर जुल्‍म ढाए जा रहे हैं। 
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई हाईकोर्ट जजों को पिछले दो वर्षों से परेशान कर रही है और उनसे अपने मन माफिक फैसले करवाने का दबाव बना रही है। पिछले दो सालों से हाईकोर्ट जजों के बेडरूम में कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिससे उनका वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है हाईकोर्ट जजों द्वारा लिखे गए पत्र में कई उदाहरण दिए गए हैं, जब हाईकोर्ट जज के संबंधियों या परिवार के किसी शख्स का अपहरण कर लिया गया और उनके साथ मारपीट की साथ ही उनसे अनेक दस्‍तावेज पर जबरन हस्ताक्षर कराए गए।
हाईकोर्ट के इन जजों ने पत्र में लिखा है-हम अनुरोध करते हैं कि न्यायिक कार्यों में खुफिया अधिकारियों के हस्तक्षेप और जजों को इस तरह से डराने-धमकाने के मामले पर विचार करने के लिए एक न्यायिक सम्मेलन बुलाया जाए, जिसमें इन तमाम आरोपों से जुड़ी जांच को भी सार्वजनिक किया जाए, ताकि न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनी रहे। इस्लामाबाद हाईकोर्ट के छह जजों का यह कबूलनामा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के खिलाफ किसी आरोप पत्र से कम नहीं है। फ़िलहाल हाईकोर्ट जजों की इस चिट्ठी से पाकिस्तान प्रशासन में खलबली मच गई है।