ताइपे । अमेरिकी कांग्रेस के निम्न सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की संभावित ताइवान यात्रा को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तल्खी बढ़ गई है। वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि इस पूरे विवाद में अहम पहलू पर गौर नहीं किया जा रहा है। यह पहलू है कि अमेरिका और चीन को इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि वे अपने मतभेद को कैसे सुलझाएं जिससे संघर्ष का खतरा अनियंत्रित न हो जाए। पेलोसी की संभावित ताइवान यात्रा के विरोध में चीन की राजनयिक और सैन्य प्रतिक्रिया को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन ताइवान के लिए यह यात्रा (अगर होती है तब) पहले ही तनावपूर्ण चल रहे रिश्तों में खटास पैदा करने का महज एक बिंदु होगा, जिसकी छाया इस देश के लोकतंत्र पर हमेशा से रही।
ताइवान के रक्षा अध्ययन के विशेषज्ञ अर्थर झिन शेंग वांग ने कहा, ‘‘मुख्य मुद्दा यह नहीं है कि पेलोसी ताइवान आ रही हैं, बल्कि यह है कि अमेरिका और चीन इससे पैदा होने वाले खतरों से कैसे निपटते हैं। वांग ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और शी चिनफिंग की हुई बातचीत इस बात का उदाहरण है कि कैसे दोनों पक्ष वार्ता के जरिये मतभेदों का प्रबंधन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर हो रही बहस के बीच हुई यह बातचीत ‘‘आपसी समझ के न्यूनतम स्तर’’ का संकेतक है। इस बीच, ताइवान दोनों महाशक्तियों के बीच शांत रहकर संतुलन बनाए रखे हुए है, भले इस मुद्दे पर तनाव बढ़ गया है।
राजनीतिक प्रकोष्ठ के पूर्व निदेशक विंसेट चाओ ने कहा, ‘‘ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने ताइवान के लोकतत्रं को अक्षुण्ण रखते हुए अनावश्यक उकसावे की कार्रवाई से बचने की यथासंभव कोशिश की है।’’ अगर पेलोसी की ताइवान यात्रा होती है, तब वह गत 25 साल में न्यूट गिंगरिच के बाद पहली शीर्ष अमेरिकी निर्वाचित पदाधिकारी होंगी जो स्वशासी द्वीप का दौरा करेंगी। ताइवान में मौजूद विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें उम्मीद नहीं है कि चीन यात्रा के जवाब में सैन्य कार्रवाई करेगा और यह अहम है कि इस यात्रा के संभावित संदर्भ को देखा जाए। राजनयिक स्तर पर अलग-थलग पड़ी ताइवान सरकार किसी विदेशी नेता की यात्रा को सकारात्मक रूप में देखती है। ताइवान के प्रीमियर सु सेंग चांग ने कहा, ‘‘हम स्पीकर पेलोसी के बहुत आभारी हैं, जो गत कई सालों से ताइवान के लिए सहयोगी और मित्रवत रहीं। हम किसी मित्र विदेशी मेहमान की यात्रा का स्वागत करते हैं।’’