मोदी मैजिक के सहारे हैटट्रिक की आस
भोपाल । लोकसभा चुनाव 2024 सिमटने लगा है। मप्र के चारों चरण के मतदान हो चुके हैं। अब नतीजों का इंतजार किया जा रहा है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने वोटों का आकलन करना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में भाजपा के तीन सांसदों के सामने जीत की हैटट्रिक लगाने की चुनौती है। रीवा और राजगढ़ में तो भाजपा प्रत्याशियों को कांग्रेस प्रत्याशियों से जोरदार टक्कर मिल रही है। वहीं मंदसौर से भाजपा प्रत्याशी को कम मतदान होने से डर सता रहा है। ऐसे में इन प्रत्याशियों को मोदी मैजिक के सहारे हैटट्रिक लगाने की आस है।
गौरतलब है की इस बार भाजपा ने प्रदेश कर सभी 29 सीटों को जीतने का लक्ष्य बनाकर काम किया है। पार्टी ने इसके लिए विधानसभा चुनाव के साथ ही तैरूारी शुरू कर दी थी। वहीं कांग्रेस ने भी इस बार पूरा दमखम लगया है। अपनी स्थिति बेहतर करने के लिए पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं के साथ कुछ विधायकों पर भी दांव लगाया है। इसलिए प्रदेश की कई सीटों पर भाजपा प्रत्याशी को कांग्रेस प्रत्याशी से कड़ी टक्कर मिल रही है। चार जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम आने वाले हैं। चुनाव मैदान में उतरने के साथ ही प्रत्याशियों ने जीत-हार का गणित लगाना शुरू कर दिया था। अब परिणाम की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ ही जीत का रिकार्ड बनाने को लेकर भी कई प्रत्याशी आशान्वित हैं। प्रदेश में लगातार सर्वाधिक आठ बार लोकसभा सदस्य रहने का रिकार्ड इंदौर से सुमित्रा महाजन का है। टीकमगढ़ से भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार खटीक लगातार सातवीं बार जीतने के बाद आठवीं बार मैदान में उतरे। वह जीतते हैं तो सुमित्रा महाजन के रिकार्ड की बराबरी कर लेंगे। हालांकि, अंतराल के साथ गणना करें तो सर्वाधिक बार जीतने का रिकार्ड छिंदवाड़ा से कमलनाथ का है। सतना से लगातार चार बार के सांसद गणेश सिंह पांचवीं बार लड़े हैं। वह जीतते हैं तो विदिशा से शिवराज सिंह चौहान, रतलाम से दिलीप सिंह भूरिया और ग्वालियर से माधव राव सिंधिया के लगातार पांच बार जीतने के रिकार्ड पर पहुंचेंगे। मंदसौर से लक्ष्मी नारायण पाण्डेय और उज्जैन से सत्य नारायण जटिया लगातार छह बार जीते थे, पर इस चुनाव में इस रिकार्ड तक पहुंचने की दौड़ में भाजपा-कांग्रेस से कोई नहीं है।
हैटट्रिक और रिकॉर्ड बनाने की दौड़
मप्र में लोकसभा सीटों पर चार चरण में वोटिंग होने के बाद नेता और उम्मीदवारों के साथ-साथ जनता को भी 4 जून का इंतजार हैं। चार जून को ही लोकसभा चुनावों के रिजल्ट घोषित होंगे। इस बीच, अब मप्र के नेताओं में बयानबाजी और उत्साह चरम पर है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दावा कर रहे हैं कि प्रदेश की सभी 29 की 29 सीटें भाजपा जीत रही है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी कह रहे हैं कि वे इस बार दो अंकों में जीत हासिल करेंगे, यानि कुल 29 सीटों में से कांग्रेस कम से कम 10 सीटें तक हासिल कर सकती है। भाजपा के तीन लोकसभा सदस्य हैटट्रिक की दौड़ में हैं। इनमें रीवा से जनार्दन मिश्रा, मंदसौर से सुधीर गुप्ता और राजगढ़ से रोडमल नागर शामिल हैं। अपनी हैट ट्रिक बनाने के लिए इन्होंने पूरी ताकत लगा दी है, पर कांग्रेस भी कड़ी टक्कर इन सीटों पर दे रही है। भाजपा सांसदों को राजगढ़ और रीवा में कड़ी टक्कर मिली है। रीवा में जनार्दन मिश्रा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सिद्धार्थ तिवारी को हराया था। 2014 में उन्होंने सिद्धार्थ तिवारी के पिता सुंदरलाल तिवारी को पराजित किया था। इस बार पूर्व विधायक नीलम मिश्रा ने उन्हें कड़ी टक्कर दी है। जनार्दन मिश्रा जीतते हैं तो रीवा से हैट ट्रिक बनाने वाले वह पहले लोकसभा सदस्य होंगे। इसी तरह राजगढ़ में भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर ने 2019 में कांग्रेस की मोना सुस्तानी और 2014 में नारायण अमलावे को पराजित किया था, पर इस बार पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उन्हें कड़ी टक्कर दी है। यहां से सर्वाधिक पांच बार सांसद बनने का रिकार्ड दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह का है। मंदसौर में सुधीर गुप्ता ने पिछले दो चुनावों में कांग्रेस की मीनाक्षी नटराजन को पराजित किया था। इस बार उनका मुकाबला दिलीप सिंह गुर्जर से रहा। यहां से भाजपा के लक्ष्मी नारायण पाण्डेय छह बार लगातार जीते थे।
पांच सीटों पर कड़ी टक्कर
भाजपा ने 29 सीट जीतने का लक्ष्य रखकर मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ा है, लेकिन 5 से ज्यादा सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा संशय की स्थिति में है। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। यहां से दिग्गज कांग्रेस कमलनाथ आते हैं। कमलनाथ इस सीट से 9 बार सांसद रहे हैं, उसके बाद 2019 में उनके बेटे नकुल यहां से सांसद हैं। 2014 और 2019 की घोर मोदी लहर में भी भाजपा छिंदवाड़ा के किला को ढहा नहीं पाई। इस बार 2024 के चुनाव में भाजपा ने पूरी जोर आजमाइश की है। कांग्रेस से नकुल नाथ और भाजपा से बंटी साहू मैदान में हैं। इस बार यहां कांटे की टक्कर है। राजगढ़ सीट से 33 वर्ष बाद कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मैदान में हैं। भाजपा के मौजूदा सांसद रोडमल नागर को दिग्विजय सिंह ने कड़ी चुनौती दी हैं। रतलाम लोकसभा सीट से पूर्व में पांच बार सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया मैदान में हैं। जबकि भाजपा ने अनीता नागर चौहान को मैदान में उतारा है। वे पहली बार कोई बड़ा चुनाव लड़ रही हैं। यह बात अलग है कि उनके पति नागर सिंह चौहान मध्य प्रदेश में मंत्री हैं। खरगोन से मौजूदा सांसद गजेंद्र सिंह पटेल भाजपा प्रत्याशी हैं। भाजपा और कांग्रेस के नए चेहरे पोरलाल खरते के बीच संघर्ष बराबरी का रहा है। दोनों के बीच लड़ाई कांटे की है। मंडला से भाजपा प्रत्याशी मौजूदा सांसद केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को कांग्रेस के ओंकार सिंह मरकाम ने चुनौती दी है। 6 महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में फग्गन सिंह कुलस्ते को भाजपा ने निवास लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन उन्हें हार मिली थी। अब इस आदिवासी बाहुल्य सीट पर कांटे की टक्कर है।