नई दिल्ली, आतिथ्य क्षेत्र की कंपनियों का कहना है ‎कि सरकार आने वाले आम बजट में होटल क्षेत्र को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा प्रदान करे, इससे नई संपत्तियों में निवेश अधिक आकर्षक बन सकेगा। उनका कहना है कि होटल क्षेत्र की भू‎मिका देश की वृद्धि में महत्वपूर्ण है और इसे लक्जरी के रूप में वर्गीकृत नहीं करना चाहिए। इसके अलावा सरकार को आतिथ्य क्षेत्र को टिकाऊ और पर्यावरणनुकूल व्यवहार को अपनाने के लिए कर छूट या सब्सिडी के रूप में प्रोत्साहन देने पर विचार करना चाहिए। सरकार आगामी बजट में पर्यटन एजेंडा में तेजी लाने पर ध्यान दे क्योंकि यह देश के आतिथ्य क्षेत्र को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में योगदान देने का महत्वपूर्ण इंजन और रोजगार सृजन का जरिया बनाने का बड़ा अवसर है। भारतीय होटल संघ (एचएआई) के एक व‎रिष्ठ अ‎धिकारी ने कहा ‎कि यह क्षेत्र ऊंचे कराधान के बोझ से दबा है। इसके अलावा लाइसेंस, मंजूरी और अनुपालन की प्रक्रिया भी काफी महंगी बैठती है। इन वजहों से होटल में निवेश जोखिम भरा हो जाता है। निवेश की बेहतर दर के साथ होटल निवेश को और अधिक आकर्षक बनाने और कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने की जरूरत है। आगामी आम बजट में होटल को विलासिता, विशिष्ट या नुकसान वाले उत्पाद के रूप में वर्गीकृत करने की नीति में बदलाव होना चाहिए। देश के दृष्टिकोण-2047 को हासिल करने के लिए यह आतिथ्य क्षेत्र की क्षमता का लाभ उठाने का अवसर है। बजट के लिए एचएआई की प्रमुख नीतिगत सिफारिश यह है कि सरकार होटल क्षेत्र को बुनियादी ढांचे का दर्जा दे। एक इंडियन होटल्स के अ‎धिकारी ने कहा ‎कि क्षेत्र को बुनियादी ढांचे का दर्जा मिलने से निवेश बेहतर हो सकेगा। इससे क्षेत्र देश को 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे पाएगा।