डॉ. राजीब कुमार मिश्रा

चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, पीटीसी इंडिया लि.

 

विकासशील एवं जटिल पावर एक्सचेंज में मूल्य निर्धारण एक अहम प्रक्रिया है। यह न केवल विद्युत का क्रय मूल्य निर्धारित करती है, अपितु यह निवेश, ग्रिड स्थिरता एवं उपभोक्ता के बिलों का भी निर्धारण करती है। अभी हाल ही में 28 अगस्त से 4 सितंबर के बीच पावर एक्सचेंज के सभी वर्ग में मूल्य नियामक आयोग द्वारा निर्धारित अधिकतम सीमा पर रहा। इस समस्या के समाधान के लिए पावर एक्सचेंज में दोतरफा गुप्त बोली लगाना - पे ऐज क्लियर मॉडल की समीक्षा करना अत्यंत आवश्यक है। इसके समाधान के लिए हमें मूल्य निर्धारण के जटिल अंश का गहन अध्ययन करके नये उपाय खोजने होंगे।

एक से अधिक पावर एक्सचेंज प्रणाली - एक अवलोकन

एक से अधिक पावर एक्सचेंज न केवल प्रतिस्पर्धा  को बढ़ावा देते हैं, अपितु प्रतिभागियों के लिए विकल्प भी प्रस्तुत करते हैं। इसका लक्ष्य बाजार में पारदर्शिता के साथ-साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना है। हाल की पावर एक्सचेंज की हलचल (डेम एवं आरटीएम) की घटनाओं के चलते पावर एक्सचेंज के सभी वर्ग में मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया की समीक्षा अनिवार्य हो गई है।

बिजली का मूल्य निर्धारण अधिक होना ग्राहक के हित में नहीं

वर्तमान में पावर एक्सचेंज के मूल्य सभी प्रतिभागी निर्धारित करते हैं । यह तय किया जाता है कि किस मूल्य पर विद्युत  की खरीद फरोख्त होगी। अंततः इससे विद्युत उत्पादक, उपभोक्ता एवं ग्रिड स्थिरता प्रभावित होती है। एक सुव्यवस्थित बाजार में मांग एवं खपत का सही आकलन मूल्य को देख कर हो जाता है। विद्युत बाजार के सभी वर्ग में मूल्य नियामक आयोग द्वारा निर्धारित अधिकतम हद पर रहना एक मज़बूत मूल्य निर्धारण प्रणाली पर बल देती है। इससे मांग एवं खपत का सही सही आकलन हो सके और प्रतिभागी बाजार को अनुचित ढंग से नियंत्रित न कर सके।

क्या फर्क पड़ता है ?

    • कुशलता

हाल में पावर एक्सचेंज में मूल्य का निर्धारित अधिकतम सीमा  पर रहना दिखाता है कि किस प्रकार कुछ प्रतिभागी सीमित बोलियों से मूल्य को अनुचित ढंग से प्रभावित कर सकते हैं।

    • निष्पक्षता

बाजार में मूल्य का निर्धारित अधिकतम हद पर रहना छोटे एवं मध्य वर्ग के प्रतिभागी के लिए अनुकूल नहीं है।

    • गुणवत्ता

मूल्य निर्धारण प्रक्रिया का विफल होना समस्त विद्युत बाजार में किसी एक एक्सचेंज का एकाधिकार स्थापित करता है।

कुशलता के लिए दिशा-निर्देश

सक्षम मूल्य निर्धारण प्रक्रिया की दिशा में कदम उठाने होंगे, जिसमें सभी का हित निहित हो-

पावर एक्सचेंज में बढ़ी हुई लिक्विडिटी: प्रतिस्पर्धी एक्सचेंजों पर अव्यक्त बिड्स को बंडल करके बाजार में लिक्विडिटी को बढ़ाना होगा। वर्तमान में दोतरफा बंद नीलामी सामूहिक वर्ग में लिक्विडिटी के अभाव में पस्त हो जाती है। यह असंतुलन पे- एज क्लीयर आधारित मूल्य निर्धारण प्रणाली को लचर बना देता है।

आकड़ों में अत्यधिक पारदर्शिता: पारदर्शिता मज़बूत मूल्य निर्धारण प्रणाली का आधार है। पावर एक्सचेंज को मांग एवं आपूर्ति का व्यापक एवं सटीक आकड़े के साथ-साथ सही स्थिति की जानकारी देना आवश्यक है। सभी प्रतिभागियों के पास आंकड़े का होना अनिवार्य है, जिससे वह सही निर्णय ले सके।

पावर एक्सचेंज पर्यवेक्षण / निगरानीः पावर एक्सचेंज को किसी के भी अनुचित एकाधिकार से बचाने के लिए उचित पर्यवेक्षण/ निगरानी आवश्यक है। इससे पावर एक्सचेंज में परस्पर प्रतिभागिता आएगी।

एक्सचेंजों के बीच समन्वयः उचित मूल्य निर्धारण के लिए विभिन्न एक्सचेंजो के बीच समन्वय आवश्यक है जैसे समान ट्रेडिंग अवधि, सूचना का परस्पर आदान-प्रदान एवं एक समान नियम। इससे बाजार व्यवस्था दुरूस्त होगी और संतुलन एवं एकीकरण आएगा जो उचित मूल्य निर्धारण में सहायक होगा।

पावर एक्सचेंज प्रतिभागियों की शिक्षाः सभी प्रतिभागियों का पावर एक्सचेंज के प्रति उचित ज्ञान होना आवश्यक है। उन्हें यह पता होना चाहिए कि पावर एक्सचेंज का मूल्य निर्धारण कैसे होता है एवं उनका किस प्रकार का आचरण पावर एक्सचेंज में वांछनीय है, उनके द्वारा लिए गए निर्णय का क्या परिणाम हो सकता है।

हरित उर्जा के लिए विनियामक सहयोगः हरित उर्जा (सौर एवं पवन उर्जा) के पावर एक्सचेंज में और अधिक प्रवेश के लिए विनियामक सहयोग आवश्यक है। इससे मांग एवं आपुर्ति में संतुलन आएगा एवं मूल्य नियंत्रित रहेगा।

मूल्य निर्धारण के लिए संस्थाः एक जटिल प्रश्न है कि एक समान मूल्य निर्धारण किसके हाथ होना चाहिए। यह एक जिम्मेदारी का कार्य है एवं पावर एक्सचेंज की पारदर्शिता एवं सक्षमता इस बात पर निर्भर है। ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया या किसी अन्य संस्था, जो तकनीकी रूप से सक्षम हो, उन्हें यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसमें सरकार का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण अनिवार्य है। इससे बाजार में मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता आएगी एवं कोई भी अनुचित लाभ नही उठा पाएगा।

निष्कर्षः

हाल के घटनाक्रम के चलते पावर एक्सचेंज में मूल्य निर्धारण प्रक्रिया की समीक्षा अनिवार्य हो गई है। सभी प्रतिभागियों को संतुलित एवं स्वस्थ बाजार के संचालन के लिए एक मंच पर आना होगा। प्रतिस्पर्धी एक्सचेंजों पर अव्यक्त बिड्स को बंडल करके पावर एक्सचेंज में लिक्वडिटी को बढ़ाना, उचित पर्यवेक्षण/ निगरानी, आकड़ों में पारदर्शिता एवं तकनीकी कुशलता सभी प्रतिभागियों में पावर एक्सचेंज के प्रति विश्वास जाग्रत करेगा।यह हम सब की संगठित जिम्मेदारी है कि भारतीय पावर एक्सचेंज सक्षम, परस्पर समानता एवं दीर्घकालीन सिद्धांतों को लेकर चले। विद्युत मूल्य के सही-सही निर्धारण से सभी प्रतिभागियों को परस्पर लाभ होगा।