भोपाल । मध्य प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता भी अब बूथ कमेटी के सदस्य बनेंगे। विधानसभा चुनाव से पहले कमलनाथ ने बूथ को मजबूत करने के लिए नया तरीका निकाला है। बूथ कमेटी में प्रदेश के राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश एवं जिला स्तर तक के नेता शामिल होंगे। सभी स्तर के नेता अपने-अपने बूथ के लिए बूथ कमेटी के सदस्य मनोनीत होंगे।
अब कांग्रेस के बड़े नेताओं को उनके बूथ पर कांग्रेस को जिताने की जिम्मेदारी होगी। इसे भाजपा के मेरा बूथ, सबसे मजबूत की तर्ज पर बूथ मैनेजमेंट का तरीका बताया जा रहा है। वरिष्ठ नेता बूथ समिति सदस्य होंगे तो बूथ कमेटी के काम में गंभीरता आएगी। इसका असर विधानसभा के नतीजों में देखने को मिल सकता है। बता दें, अब तक बड़े नेता अपने पोलिंग बूथ से दूरी बना लेते थे।
मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए कांग्रेस ने अपनी  तैयारी तेज कर दी है। कांग्रेस अब ओबीसी, एससी और एसटी सीटों पर ज्यादा फोकस करेगी।  इसे लेकर सोमवार को भोपाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति की बैठक में चर्चा हुई। पिछली बार कांग्रेस को अनुसूचित जनजाति को बड़ी संख्या में सीटें मिली थे, जिससे उसने सत्ता में वापसी की थी। अब कांग्रेस अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति वर्ग के बीच सक्रिय होगी। बता दें, भाजपा भी अनुसूचित जाति और जनजाति के वोटरों को साधने के लिए लगातार कार्यक्रम कर रही है। आरएसएस ने आदिवासी क्षेत्रों में काम शुरू कर दिया है। वहीं, कांग्रेस अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के वोटरों के बीच पहुंचेगी। कांग्रेस जनता को बताएगी कि ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण उनकी सरकार ने ही लागू किया जबकि भाजपा सरकार के कारण ओबीसी वर्ग को आरक्षण से वंचित रहना पड़ा। इसको लेकर कांग्रेस जल्द काम शुरू करेगी। इसके अलावा बैठक में हारी हुई सीटों पर भी चर्चा हुई। लगातार हार रही सीटों पर कांग्रेस के दिग्गज नेता लगातार दौर करेंगे। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह लगातार इन सीटों पर दौरा कर रहे हैं। उन्होंने अपने फीडबैक की भी बैठक में चर्चा की। पार्टी ने मालवा निमाड़ और विंध्य पर अधिक फोकस करने को लेकर भी चर्चा की। पार्टी जल्द ही विंध्य क्षेत्र में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के दौरे को लेकर कार्यक्रम भी बनाएगी।