नर्मदापुरम, बालाघाट, सागर, शुजालपुर, डिंडोरी में आयुर्वेदिक महाविद्यालय खुलेंगे
भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम, बालाघाट, सागर, शुजालपुर, और डिंडोरी में नए आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक शिक्षा के विस्तार के लिए निजी क्षेत्र को भी प्रोत्साहित किया जाएगा, खासकर जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में आयुर्वेदिक महाविद्यालयों की स्थापना प्राथमिकता पर होगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में आयोजित आयुष विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान की।
उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना होगी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खजुराहो में योग संस्थान की स्थापना के लिए केंद्र सरकार से निरंतर संपर्क बनाए रखने और प्रयास जारी रखने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोविड-19 महामारी के बाद आयुर्वेद का महत्व काफी बढ़ गया है। इस संदर्भ में उन्होंने आयुष विभाग से पैरा मेडिकल पाठ्यक्रमों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया, जिससे उपचार और रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न हो सकें।
543 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया जारी
बैठक में बताया गया कि आयुष विभाग में 332 पैरामेडिकल कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। इसके साथ ही 14 यूनानी चिकित्सा अधिकारियों और 36 होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारियों के नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं। लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 543 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया भी जारी है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर के अंतर्गत 533 संविदा चिकित्सा अधिकारियों (सीएएमओ) की पदस्थापना की गई है। इसके अलावा, सत्र 2023-24 में आयुर्वेद के दो नए विषयों, स्त्री रोग प्रसूति तंत्र (उज्जैन और भोपाल महाविद्यालय) और पंचकर्म (उज्जैन महाविद्यालय) में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम भी शुरू किए गए हैं।
पं. खुशीलाल शर्मा महाविद्यालय के सुदृढ़ीकरण के लिए राशि स्वीकृत
मुख्यमंत्री ने बताया कि भोपाल के पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के सुदृढ़ीकरण के लिए 1999.86 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है। साथ ही, शासकीय स्वशासी यूनानी महाविद्यालय, भोपाल में 180 बिस्तरों वाले बालिका छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। आयुष विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल ओपीडी और आईपीडी में एक करोड़ 37 लाख मरीजों का इलाज हुआ और 2,500 से अधिक रोगियों की शल्य चिकित्सा की गई। योगा वैलनेस केंद्रों में 9,600 सत्रों का आयोजन किया गया।