भोपाल।  ग्वालियर-चंबल अंचल के लिए महत्वाकांक्षी अटल प्रोग्रेस-वे की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। पहले बीहड़ों में होकर बन रहे अटल सर्वे के अलानमेंट को पर्यावरण मंत्रालय ने नामंजूर कर दिया तो बाद में गांवों के समीप से किए जा रहे दूसरे सर्वे को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के विरोध के चलते 28 मार्च को वीडियो कांफ्रेंसिंग में रद्द करने के निर्देश दिए।
अब तक शासन की ओर से कोई लिखित आदेश न आने से पूरी प्रक्रिया बंद है। मुरैना के अपर कलेक्टर नरोत्तम भार्गव कहते हैं कि पुन: सर्वे को लेकर शासन स्तर से लिखित में कोई आदेश नहीं मिला है। पुराने सर्वे का काम रोक दिया गया है। नया सर्वे शासन से आदेश आने के बाद ही शुरू होगा।
बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले मप्र सरकार ने चंबल संभाग के तीन जिलों श्योपुर, मुरैना व भिंड से मेगा हाइवे निकालने के लिए अटल प्रोग्रेस वे स्वीकृत किया था। यह चंबल नदी किनारे बीहड़ों में बनना था, लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल व पर्यावरण मंत्रालय ने बीहड़ में निर्माण को मंजूरी नहीं दी, जबकि सर्वे के बाद जमीनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई थी।
2022 में बीहड़ क्षेत्र से दूर नया सर्वे शुरू हुआ, जो जनवरी 2023 में पूरा हो गया। जिला प्रशासन जमीन अधिग्रहण की तैयारी कर ही रहा था कि 28 मार्च को मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, चंबल संभागायुक्त दीपक सिंह व मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना के साथ वीडियो कांफ्रेंस में दूसरा सर्वे भी रद करते हुए नए सर्वे के आदेश दिए। मुख्यमंत्री के इस आदेश के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया रोक दी गई, लेकिन सरकार ने सर्वे को निरस्त करने और फिर से नया सर्वे करने के आदेश जारी नहीं किए।