भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कोलकाता में भारत चैंबर्स ऑफ कॉमर्स में चैटजीपीटी को दश के लिए अहम बाताया है। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इसकी वजह से रोजगार में बढ़ोत्तरी हो सकती है। चैटजीपीटी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से आईटी कंपनियों की क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी। ये भारत जैसे विकासशील देश के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इस तकनीक से भारत की और प्रोजेक्ट को शुरू कर सकते हैं। इससे कई लोगों को रोजगार मिलेगा।

चैटजीपीटी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विकास की गति के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। चैटजापाटा शुरुआती समय में रोजगार पैदा कर सकती है, लेकिन बाद में यह रोजगार को प्रभावित कर सकता है।

चैटजीपीटी का रोजगार पर प्रभाव

चैटजीपीटी रोजगार को प्रभावित भी कर सकता है। ऐसे में यह एक चिंता का विषय है। इस समय भारत के विकास के लिए चैटजीपीटी बहुत जरूरी है। देश में अगर चैटजीपीटी रोजगार में वृद्धि करता है तो कंपनी अपने प्रोजेक्ट के लिए लोगों के लिए नियुक्त करेगा। एआई के आने से लोगों की इनकम में भी बढ़ोत्तरी होगी। चैटजीपीटी आई-टी सेक्टर की क्षमता बढ़ाने में मदद करेगा। नागेश्वरन ने कहा कि एआई भले की बहु-आयामी दृष्टिकोण है, लेकिन हमें फिर भी एआई के नकारात्मक प्रभावों को सीमित करने की आवश्यकता है।

भारत की जीडीपी

आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी दर में 6.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी का अनुमान लगाया गया है। नागेश्वरन ने भारत की जीडीपी पर कहा कि पूंजी निवेश और डिजिटल परिवर्तन ने भारत की जीडीपी में अतिरिक्त 0.5-0.8 फीसदी की वृद्धि में योगदान देगा। इसी के भारत की जीडीपी वित्त वर्ष 24 में 7 फीसदी के करीब हो जाएगी।

भारत की जीडीपी पर उन्होंने कहा कि निवेश और उपभोक्ता गति आने वाले सालों में विकास की संभावनाओं को कम करेगी। सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म का विस्तार और पीएम गतिशक्ति, लॉजिस्टिक्स नीति, पीएलआई योजनाओं से मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट को बढ़ावा मिलेगा।

भारतीय कॉर्पोरेट और बैंकिंग सेक्टर नए रोजगार के लिए तैयार कर रहे हैं। बैंकों के पास लोन देने के लिए पर्याप्त पूंजी है। भारत की मजबूत बैलेंस शीट के कारण निवेश गतिविधियाों में बढ़ोत्तरी हो रही हैं। पूंजीगत वस्तुओं का आयात बढ़ना, ये एक अच्छा संकेत है।

उन्होंने बताया कि हॉस्पिटैलिटी में कोविड के बाद रोजगार 4.5 करोड़ हो गया है। ये काफी अच्छी बात है। सीईए ने कहा कि महामारी के दौरान कुल बेरोजगारी दर 20 प्रतिशत की तुलना में वर्तमान में 6.8 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 23 में भारत की जीडीपी 7.2 प्रतिशत है जो अनुमान से ज्यादा है।