इंदौर ।  वर्तमान में देश में लगभग 14 करोड़ वरिष्ठ नागरिक हैं। कानून के अनुसार जिनकी आयु 60 वर्ष पूर्ण हो जाती है वे वरिष्ठ नागरिक माने जाते हैं। देश में वर्ष 2007 के पहले तक केवल सीआरपीसी की धारा 125 में प्रविधान था कि अगर माता-पिता का भरण पोषण उसकी संतान नहीं करती है तो ऐसे माता-पिता न्यायालय में भरण पोषण का प्रकरण प्रस्तुत कर भरण पोषण प्राप्त कर सकते थे। वरिष्ठ नागरिकों की अधिकांश शिकायतें यह होती हैं कि उनके पुत्र-पुत्रियों द्वारा उनकी संपत्तियों को अपने नाम से कराने के बाद माता-पिता की देखभाल नहीं की जाती है। इस पर विधायिका द्वारा वर्ष 2007 में वरिष्ठ नागरिक अधिनियम बनाया गया। इसमें प्रविधान किया गया कि अगर माता-पिता की संपत्ति उपहार स्वरूप या किसी अन्य माध्यम से उनके पुत्र, पुत्रियां या अन्य रिश्तेदार अपने नाम करवा लेते हैं और इसके बाद वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण और देखभाल नहीं करते हैं तो वरिष्ठ नागरिकों को वैधानिक अधिकार दिया गया कि वे अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) के न्यायालय में आवेदन देकर उनके उत्तराधिकारी या अन्य रिश्तेदारों द्वारा अपने नाम करवाई गई संपत्ति को पुन: प्राप्त कर सकते हैं। यह बात ध्यान रहे कि यह प्रविधान वर्ष 2007 से पूर्व हस्तांतरित की गई संपत्तियों पर लागू नहीं होता है।

वरिष्ठ नागरिक स्वअर्जित संपत्तियों को अगर पुत्र, पुत्री या रिश्तेदारों के नाम उपहार या अन्य माध्यमों से हस्तांतरित करते हैं तो कानून में यह भी प्रविधान है कि हस्तांतरण लेख में इस बात का उल्लेख कर दें कि संपत्ति मिलने के पश्चात वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण और देखभाल की जिम्मेदारी संपत्ति प्राप्तकर्ता की रहेगी। इसके पश्चात भी अगर संपत्ति प्राप्तकर्ता देखभाल और भरण पोषण नहीं करते हैं तो वरिष्ठ नागरिक को अपनी संपत्ति उनसे वापस प्राप्त करने का अधिकार है। वरिष्ठ नागरिक को कानूनन बेटा-बेटी, पौत्र-पौत्री से भी भरण पोषण प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है। ध्यान रहे कि वरिष्ठ नागरिक को किसी नाबालिग से भरण पोषण प्राप्त करने का अधिकार नहीं होता है। वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए संविधान में कई प्रविधान दिए गए हैं। जैसे वृद्धावस्था पेंशन अधिकार, सामाजिक सुरक्षा अधिकार इत्यादि।

कर सकते हैं शिकायत

वरिष्ठ नागरिक जब भी अपनी स्वअर्जित संपत्ति हस्तांतरित करें तो उन्हें इस बात का ध्यान रखते हुए संपत्ति हस्तांतरित के अनुबंध को निष्पादित करना चाहिए ताकि उनका भविष्य आर्थिक रूप से सुरक्षित रहे। वरिष्ठ नागरिकों को अगर पुत्र, पुत्री या किसी रिश्तेदार द्वारा मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी जाती है तो वे इसकी शिकायत डायल 100 या सिटीजन काप पर आनलाइन कर मदद प्राप्त कर सकते हैं।

प्रशासन द्वारा भी वरिष्ठ नागरिकों को यह सुविधा दी गई है कि अगर वे अकेले जीवनयापन कर रहे हैं, उनका परिवार साथ में नहीं है तो वे संबंधित थाने पर सूचना देकर अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं।

- एडवोकेट स्वाति मेहता