नई दिल्ली । सियासती दांव-पेंच के कुशल पारखी कहे जाने वाले प्रशांत किशोर उर्फ पीके के कांग्रेस में शामिल की खबरों पर अब पूर्ण विराम लगता दिख रहा है। साल 2024 के आम चुनाव में उनकी भूमिका क्या होगी, इसका फैसला पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी करेंगी। ऐसा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा है। पिछले दिनों प्रशांत किशोर ने सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बैठक की थी। जिसमें उन्होंने एक प्रेजेंटेशन दिया था। इसके बारे में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने जानकारी दी थी। केसी वेणुगोपाल ने बताया था कि साल 2024 में होने वाले आम चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर ने एक प्रेजेंटेशन पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी और कुछ बड़े नेताओं के सामने पेश किया। उनके इस प्रेजेंटेशन पर समीक्षा के लिए टीम बनाई जाएगी, जो कुछ समय बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और उसके बाद आखिरी निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सोनिया गांधी ने कल शाम वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया और अपने बच्चों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ चर्चा के बाद अंतिम फैसला करेंगी।
आपको बता दें कि सोनिया गांधी ने तीन दिनों में दूसरी बार प्रशांत किशोर के साथ चर्चा की। इस दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा, अंबिका सोनी, रणदीप सिंह सुरजेवाला, केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश मौजूद रहे। हालांकि राहुल गांधी बैठक में शामिल नहीं हो पाए थे। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस ने प्रशांत किशोर को सलाहकार के रूप में नहीं बल्कि नेता के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है और इसकी जानकारी प्रशांत किशोर को दी जा चुकी है। हालांकि फैसले पर अंतिम निर्णय सोनिया गांधी का होगा। लेकिन कहा जा रहा है कि जल्द ही प्रशांत किशोर कांग्रेस के साथ जुड़ सकते हैं।
कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि पार्टी की बैठकें अगले कुछ दिनों तक जारी रहेंगी और उम्मीद है कि कांग्रेस जल्द ही अपने चिंतन शिविर के साथ-साथ प्रशांत किशोर के पार्टी में शामिल होने का ऐलान करेगी। 
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सोनिया गांधी के साथ पहली बैठक में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को प्लान 370 दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी को लोकसभा की 370 सीटों पर अपना ध्यान केंद्रित करना है और बाकी की सीटों पर गठबंधन के माध्यम से आगे बढ़ा जा सकता है। इसके अतिरिक्त आगामी विधानसभा चुनावों पर भी चर्चा हुई थी। जिसमें गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ शामिल हैं।
पांच राज्यों में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद प्रशांत किशोर के साथ एकबार फिर से वार्ता बहाल की गई है क्योंकि पार्टी नेताओं को लगता है कि प्रशांत किशोर की मदद से कांग्रेस आगामी चुनाव में बेहतर परिणाम ला सकती है।