उज्जैन ।   दीपावली पर रविवार को माता गजलक्ष्मी मंदिर में भक्तों ने माता गजलक्ष्मी का 2100 लीटर दूध से अभिषेक किया।

विशेष पात्र लगवाया गया

देवी के दुग्धाभिषेक के लिए पुजारी परिवार की ओर से विशेष पात्र लगवाया गया था। दिन में माता का सोने-चांदी के आभूषणों से आकर्षक श्रृंगार किया गया। शाम को छप्पन पकवानों का भोग लगाकर महाआरती की गई। रात 2 बजे तक दर्शन का सिलसिला चला।

सम्राट विक्रमादित्य की राज लक्ष्मी

नईपेठ स्थित माता गजलक्ष्मी उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य की राज लक्ष्मी मानी जाती है। इस मंदिर में माता लक्ष्मी गज अर्थात हाथी पर विराजित हैं। इसलिए इन्हें गजलक्ष्मी कहा जाता है।

मंदिर की यह है मान्‍यता

मान्यता है माता के आशीर्वाद से भक्तों को धन धान्य की प्राप्ति होती है। इसी मान्यता के चलते दीपावली पर सैकड़ों भक्त यहां माता गजलक्ष्मी का दुग्धाभिषेक व दर्शन पूजन करने पहुंचते हैं। रविवार को दीपावली पर करीब 15 हजार भक्तों ने महालक्ष्मी के दर्शन किए।