मुरैना ।   उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की 12वीं की फर्जी अंकसूची से डाक विभाग की नौकरियों में सेंध लगाने का मामला सामने आया है। ग्वालियर चंबल अंचल में मई 2022 में 20 लोगों ने फर्जी अंकसूचियों के माध्यम से ग्रामीण डाक सेवक की नौकरी हासिल की थी। जांच में 18 अंकसूची फर्जी साबित हो चुकी हैं, दो संदिग्ध की जांच चल रही है। संभागीय पोस्ट आफिस अधीक्षक का कहना है कि इस संबंध में एफआइआर के लिए मुरैना पुलिस को पत्र लिखा गया है। जानकारी के अनुसार भारतीय डाक विभाग द्वारा मई 2022 में ग्रामीण डाक सेवक शाखा डाकपाल के पद पर आनलाइन भर्ती की थी। इसमें चंबल संभाग के मुरैना, भिंड और श्योपुर जिले के 20 लोग ऐसे पाए गए, जिनकी अंकसूची उत्तर प्रदेश के आगरा, मेरठ व फिरोजाबाद के स्कूलों से बनी हैं। अफसरों को संदेह तब हुआ, जब इन अंकसूचियों में नंबर देखे। कई के नंबर उस साल के 12वीं के टापर से भी अधिक थे। चंबल संभाग डाकघर के अधीक्षक ने 11 नवंबर 2022 को अपर सचिव क्षेत्रीय कार्यालय उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद, मेरठ को इन 20 अंकसूचियों को जांच के लिए भेजा।

उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ के उप सचिव, प्रशासनिक अधिकारी, कनिष्ठ सहायक तिलक सिंह, जांचकर्ता सहायक अधिकारी रोशन रूपल के हस्ताक्षर से 13 जनवरी 2023 को डाकघर को एक रिपोर्ट मिली, जिनमें से 18 अंकसूचियों को फर्जी बताया। अंकपत्र में स्पष्ट अंक नहीं दिखने से दो की जांच लंबित है।

इन स्कूलों के नाम से बनी फर्जी मार्कशीट

श्रीमती आरआरडी हाईस्कूल पूठपुरा आगरा, बीआर इंटर कालेज बिल्हेनी काबिस आगरा, रोशनदेवी हायरसेकंडरी स्कूल बम्हरौली कतर आगरा, फैज ए आम इंटर कालेज नगला मेवाती आगरा, डा. अंबेडकर इंटर कालेज मेरठ, एसआरडी वर्मा हाईस्कूल नागला उदी फिरोजाबाद और श्रीमती सुमित्रादेवी इंटर कालेज नगला छहरी तेहरा आगरा के नाम से यह फर्जी अंकसूची बनी हैं।

अंकसूचियां जांच में फर्जी प्रमाणित हो चुकी हैं। मुकदमे के लिए पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। यदि पुलिस जांच करे तो और बड़े रैकेट का खुलासा हो सकता है।

- वीएस राठौर, अधीक्षक, संभागीय डाकघर मुरैना

-एफआइआर के लिए पत्र के साथ फरियादी बनकर किसी कर्मचारी या अधिकारी भी को थाने में जानकारी देनी होती है, संभवत ऐसा नहीं होने के कारण ही एफआइआर नहीं हुई है। पत्र का संज्ञान लेकर मामले की जांच की जाएगी।

- शैलेंद्र सिंह चौहान, एसपी, मुरैना