सांसद राघव चड्ढा ने ‘आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस’ का मुद्दा उठाया, बोले- आने वाले समय में विश्व गुरु वो, जिसके पास AI की ताकत

नई दिल्ली: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को सदन में भरोसा जताया कि भारत 'विश्व गुरु' बनेगा। शून्यकाल के दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भारत की एक बड़ी आबादी एआई के कार्यबल का हिस्सा है, फिर भी भारत इस क्षेत्र में वह प्रगति नहीं कर पा रहा है जो उसे करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में विश्व गुरु वही होगा जिसके पास एआई की शक्ति होगी, इसलिए भारत को 'मेक इन इंडिया' के साथ-साथ 'मेक एआई इन इंडिया' के मंत्र के साथ आगे बढ़ना होगा। इस पर सभापति धनखड़ ने मुस्कुराते हुए कहा, 'विश्व गुरु तो भारत ही होगा।'
'कहां है भारत का जनरेटिव एआई मॉडल?'
आप नेता राघव चड्ढा ने कहा कि आज एआई क्रांति का युग है और अमेरिका के पास चैटजीपीटी, जेमिनी, एंथ्रोपिक ग्रोक जैसे मॉडल हैं, जबकि चीन ने डीपसीक जैसा सबसे सक्षम और सबसे कम लागत वाला एआई मॉडल विकसित किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन के पास अपने स्वदेशी मॉडल हैं लेकिन भारत कहां है, उसका अपना जनरेटिव एआई मॉडल कहां है? चड्ढा ने कहा कि वर्ष 2010 से 2022 तक दुनिया में पंजीकृत पेटेंट में से 60 प्रतिशत अमेरिका और 20 प्रतिशत चीन ने हासिल किए, जबकि भारत केवल 0.5 प्रतिशत ही हासिल कर पाया।
'एआई दक्षता में भारत तीसरे स्थान पर'
राघव चड्ढा ने राज्यसभा में कहा कि आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन ने पिछले 4-5 वर्षों में एआई पर काफी शोध किया और इसमें निवेश और प्रयोग किए। उन्होंने कहा कि कुल एआई कार्यबल का 15 प्रतिशत भारतीय है। उन्होंने कहा, 'भारत में प्रतिभा है, मेहनती लोग हैं, दिमागी ताकत है, डिजिटल अर्थव्यवस्था है, हमारे पास 90 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, फिर भी यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर एआई के संदर्भ में दिखाई नहीं देता है। वह एआई उत्पादक बनने के बजाय एआई उपभोक्ता बन गया है।' आप सदस्य ने कहा कि 4.5 लाख भारतीयों में से लगभग 15 प्रतिशत भारत के बाहर एआई के क्षेत्र में काम कर रहे हैं और एआई दक्षता में भारत तीसरे स्थान पर है।