भारत रेमिटेंस (प्रवासी द्वारा अपने मूल देश भेजा जाने वाला पैसा) अर्जित करने में अन्य देशों के मुकाबले सबसे आगे है। वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में भारत का रेमिटेंस 100 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद है। पिछले साल की तुलना में यह 7.5 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में 89.4 अरब डॉलर रेमिटेंस भारत आया था, जो 2022 में 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।वहीं, भारत के बाद रेमिटेंस अर्जित करने वाले देशों में मैक्सिको, चीन, फिलीपींस, मिस्र व पाकिस्तान के टॉप टेन में रहने की उम्मीद है। इसमें मैक्सिको का 60 अरब डॉलर, चीन का 51 अरब डॉलर, फिलीपींस का 38 अरब डॉलर, मिस्र का 32 अरब डॉलर और पाकिस्तान का 29 अरब डॉलर रेमिंटेंस आने की उम्मीद जताई गई है। 

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्रीय स्तर पर दक्षिण एशिया में रेमिटेंस इस साल करीब 3.5 प्रतिशत बढ़कर 163 अरब डॉलर पहुंच गया है। हालांकि, सभी देशों के बीची बड़ी असमानता है। प्रवासी कामगारों द्वारा भारत को भेजी जाने वाली रकम में 12 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है, वहीं नेपाल के रेमिटेंस में केवल चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है। इसके अलावा श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश में लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट की आशंका है।