उज्जैन ।    सुजलाम जल महोत्सव के अंतर्गत देश के पहले जल स्तंभ का लोकार्पण शंख व झांझ डमरू की मंगल ध्वनि के साथ होगा। सर संघचालक साधु संतों की मौजूदगी में जल स्तंभ का अनावरण करेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार डा.मोहन भागवत सुबह महाकाल मंदिर पहुंचेंगे तथा भगवान महाकाल के दर्शन व पूजा अर्चना करेंगे। भगवान महाकाल की पूजा अर्चना के बाद वे परिसर स्थित मार्बल चबूतरे पर चतुर्वेद पारायण स्थल पहुंचेंगे तथा श्री वेद नारायण भगवान की पूजा करेंगे। इसके बाद मंदिर के शहनाई गेट के समीप मुख्य कार्यक्रम में शामिल होंगे। यहां भस्म रमैया भक्त मंडल के सदस्य झांझ व डमरू तथा बंगाली समाज की महिलाएं शंख की मंगल ध्वनि से संघ प्रमुख का स्वागत करेंगी। कार्यक्रम स्थल पर चार मंच बनाए गए हैं। एक मंच पर संघ प्रमुख बैठेंगे। दूसरे मंच पर शहर के प्रमुख साधु, संत व मंडलेश्वर विराजित होंगे। तीसरे मंच से बेदपाठी बटुक स्वस्तिवाचन व मंगलाचरण करेंगे। चौथे मंच से कार्यक्रम का संचालन होगा। कार्यक्रम में करीब 350 आमंत्रित अतिथियों को प्रवेश दिया जाएगा।

60 किलो चांदी से किया जल स्तंभ का निर्माण

महाकाल के आंगन में जल स्तंभ का निर्माण 60 किलो चांदी से किया गया है। इस पर चार वेद में जल तत्व का महत्व बताती चार ऋचाओं का अंकन है। प्रत्येक ऋचा के साथ हिन्दी में उसका अनुवाद भी उत्कीर्ण किया गया है। जल कुंड के मध्य में जल स्तंभ प्रतिष्ठित हैं। इसके चारों ओर रंगबिरंगी लाइटिंग भी लगाई गई है। देश व दुनिया को जल का महत्व बताने के लिए जल स्तंभ स्थापित किया गया है।