मास्‍को । यूक्रेन के रणनीतिक रूप से अहम बंदरगाह शहर मारियुपोल में एक स्‍टील फैक्‍ट्री में डटे यूक्रेनी सैनिकों ने रूस की धमकी के आगे झुकने से इनकार कर दिया है। यूक्रेनी सैनिकों ने कहा कि वे सरेंडर नहीं करेंगे। इससे पहले रूस ने उन्‍हें आत्‍मसमर्पण के लिए समय सीमा दी थी, जो अब खत्‍म हो गई है। 
रूस ने कहा था कि यूक्रेन के सैनिक या तो सरेंडर करें या मरने के लिए तैयार रहें। खबरों के मुताबिक रूस ने मारियुपोल के ज्‍यादातर हिस्‍सों पर अब कब्‍जा कर लिया है। मारियुपोल यूक्रेन का पहला बड़ा शहर है जो पुतिन के कब्‍जे में आया है। हालांकि यूक्रेन के प्रधानमंत्री ने दावा किया है कि मारियुपोल पर अभी भी रूसी सेना का पूरी तरह से कब्‍जा नहीं हो पाया है। 
इस बीच रूसी सेना ने कहा है कि वह सोमवार से मारियुपोल में प्रवेश और बाहर जाने के सभी रास्‍तों को बंद कर रही है। इस दौरान शहर में मौजूद पुरुषों को फिल्‍टर किया जाएगा। यही नहीं रूसी सेना ने शहर में रह रहे लोगों को पास जारी कर रही है और मारियुपोल में एक जगह से दूसरी जगह पर जाने के लिए यह पास दिखाना होगा।
पिछले सात सप्‍ताह से चल रही भीषण जंग के बाद मारियुपोल का रूसी सेना के कब्‍जे में जाना भारी तबाही मचाने के बाद संभव हुआ है। पूरा शहर कंक्रीट के ढेर में बदल चुका है। मारियुपोल पर अगर रूसी सेना का पूरी तरह से कब्‍जा हो जाता है तो यह जंग में उसकी अब तक की सबसे बड़ी जीत होगी। इस शहर पर कब्‍जे के बाद रूसी सैनिक अब यूक्रेन के औद्योगिक पूर्वी शहर पर नियंत्रण के लिए बढ़ सकेंगे। मारियुपोल पर कब्‍जा करने के साथ ही अब रूस क्रीमिया प्रायद्वीप के जमीनी कॉरिडोर को पूरी तरह से सुरक्षित कर सकेगी। 
रूसी सेना ने साल 2014 में क्रीमिया पर कब्‍जा किया था। इसके साथ ही यूक्रेन को एक विशाल बंदरगाह और महत्‍वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र से हाथ धोना पड़ेगा। इससे पहले रूसी सेना ने कहा था कि पूर्वी यूक्रेन में मारियुपोल के पूरे शहरी क्षेत्र को यूक्रेनी सशस्त्र बलों और विदेशी भाड़े के सैनिकों से पूरी तरह से मुक्त करा लिया गया है।