बेतिया| बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बगहा के लोग एक बाघ के कारण दहशत में हैं। करीब एक दर्जन गांव के लोग पहले से ही दहशत के कारण खेतों में नहीं जा रहे थे। इस बीच, बुधवार की रात सिंगाही गांव में घर में सोई 12 वर्षीय बच्ची को बाघ ने मार डाला। इस घटना के बाद अब लोग घर में रहने से भी डर रहे हैं। हालांकि पिछले 24 दिनों से वन विभाग की टीम बाघ को खोजने में जुटी है।

वन विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि गोवधार्ना क्षेत्र के सिंगाही गांव में बुधवार की रात अचानक बाघ ने दस्तक दे दी और रामाकांत मांझी की पुत्री बगड़ी अपने घर में सोयी हुई थी। इसी बीच, शिकार की खोज में भटकता हुआ बाघ उसके करीब पहुंच गया। बाघ ने बगड़ी कुमारी के ऊपर हमला कर दिया और उसे खींच कर ले जाने लगा।

लड़की ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया तो लोग दौड़कर वहां पहुंचे तो बाघ एक गन्ने के खेत में बच्ची के शव को छोड़कर भाग गया।

वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व के क्षेत्र निदेशक नेशामणि ने गुरुवार को बताया कि बच्ची का शव बरामद कर लिया गया है तथा पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

ग्रामीणों के मुताबिक, बाघ पहले खेतों में काम करने वालों को निशाना बनाता था, लेकिन पहली बार वह घर पर हमला किया है।

जानकारों ने बताया कि आदमखोर बाघ बहुत चालाक और फुतीर्ला होता है। यह हर दो से तीन घंटे में स्थान बदलता है। हमने हरिहरपुर गांव में जाल बिछाया है। जब बकरी पिंजरे के अंदर थी, तो वह नहीं आया। जैसे ही हमने उसे पिंजरे के बाहर बांध दिया, वह आया और उस पर हमला किया और उसे मार डाला।

बाघ बुधवार सुबह चिहुताहा वन क्षेत्र या वीटीआर में स्थित था और गुरुवार सुबह नेपाल सीमा पर स्थित राघिया वन क्षेत्र में मसान नदी पार कर पहुंचा। बाघ का मूवमेंट लगातार बदलने से थोड़ी परेशानी हो रही है।