बेरोजगारी भत्ता योजना में पात्र-अपात्र की निगरानी के लिए नगरीय निकायों और पंचायतों की भी जिम्मेदारी तय की गई है। कौशल विभाग, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के मुताबिक, संबंधित पंचायत व निकाय नियमित रूप से हर छह माह में बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने वाले हितग्राहियों की जांच कर यह सुनिश्चित करेंगे कि वे अभी वह बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने के लिए पात्र हैं या नहीं।

बेरोजगारी भत्ते पर निकायों को भी करनी होगी निगरानी

जांच में अपात्र होने वाले हितग्राहियों को नोटिस जारी किया जाएगा और सुनवाई के बाद उनका बेरोजगारी भत्ता बंद करने का आदेश जारी किया जाएगा एवं इसकी जानकारी पोर्टल में अपलोड की जाएगी। अपात्र घोषित होने पर आवेदक को 15 दिन के अंदर पोर्टल में अपने दस्तावेजों के साथ आनलाइन अपील करना होगा।

हितग्राहियों को सीधे उनके बैंक खाते में मिलेगी राशि

आवेदक के अपील का निराकरण कलेक्टर या कलेक्टर द्वारा अधिकृत अधिकारी 15 दिन के अंदर करेंगे और अपील का निर्णय पोर्टल में अपलोड किया जाएगा। यदि कोई अपात्र आवेदक पात्र घोषित कर दिया जाता है तो इसके खिलाफ कोई भी व्यक्ति कलेक्टर या अधिकृत अधिकारी को तथ्यों के साथ शिकायत कर सकता है। इस शिकायत पर 15 दिनों के अंदर सुनवाई कर निर्णय लिया जाएगा। इस निर्णय की जानकारी को भी पोर्टल में अपलोड किया जाएगा।

एक अप्रैल से आनलाइन आवेदन

बेरोजगारी भत्ते के लिए एक अप्रैल से आनलाइन आवेदन प्रारंभ होगा। विभाग की वेबसाइट के साथ ही कामन च्वाइस सेंटर (सीएससी) में भी रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। प्रदेश के 22 हजार से अधिक सीएससी में यह सुविधा मिलेगी। राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक नगरीय निकायों के हर जोन में हेल्प डेस्क भी बनाया जाएगा। आनलाइन आवेदन करने के बाद आवेदक को आवेदन का पिं्रट निकालकर उसपर हस्ताक्षर करना होगा और उसके साथ अन्य सभी प्रमाण पत्रों की मूल प्रति के साथ उसे सत्यापन तिथि को निर्धारित समय और स्थान पर आना अनिवार्य होगा।