नई दिल्ली । कर्नाटक भाजपा के नेताओं के बीच चुनाव से पहले मचे घमासान ने पार्टी आलाकमान को चिंतित कर रखा है। कर्नाटक में चुनावी तैयारियों के बीच भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को बड़ी जिम्मेदारी देने के आलाकमान के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इसके बाद गुरुवार को कर्नाटक के दौरे पर जा रहे भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा की सबसे बड़ी कोशिश सभी नेताओं को एकजुट करने और पार्टी में मचे घमासान को थामने की होगी।
नड्डा गुरुवार के अपने दौरे के दौरान शाम साढ़े पांच बजे के लगभग बेंगलुरु में विजय संकल्प यात्रा का उद्घाटन करने वाले हैं। इसके बाद नडडा बेंगलुरु में ही गणपति मंदिर से रोड शो करते हुए गवर्नमेंट कॉलेज ग्राउंड तक जाएंगे, जहां उनके एक जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम है। भाजपा अध्यक्ष नड्डा की यात्रा के दौरान सबकी निगाहें इसपर बनी रहेगी कि वहां कर्नाटक भाजपा के सबसे ताकतवर और कद्दावर नेता येदियुरप्पा को लेकर क्या कहते हैं और वर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की भूमिका को लेकर क्या बोलते हैं।
दरअसल, राज्य के चुनावी गणित और जीत की संभावना को लेकर पार्टी और इससे जुड़े अन्य संगठनों द्वारा करवाए गए सर्वे के आधार पर भाजपा आलाकमान पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में चुनाव प्रचार अभियान समिति का चेयरमैन बनाने की तैयारी शुरू कर चुकी थी, लेकिन इसकी भनक लगते ही पार्टी के कई नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
पार्टी के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि फैसले का विरोध करने वाले नेताओं में लिंगायत, वोक्कालिंगा और ओबीसी समाज से आने वाले कई बड़े नेता शामिल हैं। राज्य की बोम्मई सरकार में शामिल कई मंत्रियों से लेकर खुद उनकी राष्ट्रीय टीम में शामिल पदाधिकारी तक पार्टी आलाकमान से अपनी नाराजगी का इजहार कर चुके हैं।