मास्को । रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर की दिल खोलकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर सच्चे देशभक्त हैं। उन्होंने कहा जयशंकर एक अनुभवी राजनयिक हैं। लावरोव ने भविष्य में भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत होने का भरोसा जताया। उन्होंने कहा रूस पश्चिमी देशों पर कभी भी भरोसा नहीं कर सकता है। रूस के विदेश मंत्री ने कहा कि हमारा देश भारत जैसे देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए पूरी तौर से तैयार है। 
अमेरिका ने हाल के कुछ महीनों में रूस के साथ संबंधों को कम करने के लिए भारत पर खूब दबाव बनाया है। हालांकि भारत ने हर बार विदेश नीति में किसी तीसरे देश के हस्तक्षेप को सिरे से खारिज कर दिया है। एक इंटरव्यू में सर्गेई लावरोव ने कहा कि जयशंकर एक अनुभवी राजनयिक और अपने देश के असली देशभक्त हैं। उन्होंने जयशंकर के उस बयान की भी याद दिलाई जिसमें भारतीय विदेश मंत्री ने कहा था कि हम अपने देश के लिए निर्णय इस आधार पर लेंगे कि भारत को अपनी सुरक्षा के लिए क्या करना चाहिए। लावरोव ने कहा कि बहुत सारे देश ऐसा कुछ नहीं कह सकते हैं। दरअसल जयशंकर ने यह बात अमेरिका और रूस में से किसी एक का समर्थन करने के सवाल के जबाव में कही थी। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस खाद्य सुरक्षा, रक्षा या कुछ रणनीतिक क्षेत्रों के लिए अपने किसी भी पश्चिमी सहयोगी पर भरोसा नहीं कर सकता है। 
उन्होंने यह भी कहा कि रूस उन देशों के साथ संबंध बनाने के लिए तैयार है, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उल्लंघन में अवैध, नाजायज प्रतिबंधों का इस्तेमाल नहीं करते हैं और भारत उनमें से है। हम द्विपक्षीय सहयोग करते हैं। भारत-रूस संबंधों के बारे में बात करते हुए लावरोव ने कहा कि भारत हमारा पुराना दोस्त है। हमने बहुत पहले अपने रिश्ते को 'रणनीतिक साझेदारी' कहा था। फिर करीब 20 साल पहले भारत ने कहा था कि हम इसे 'विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी' क्यों नहीं कहते? और कुछ समय बाद भारत ने कहा इसे 'विशेष रूप से विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी' कहा जाएगा। यह किसी भी द्विपक्षीय संबंध का अनूठा उदाहरण है। 
लावरोव ने कहा कि रूस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया इनिशिएटिव का समर्थन किया है। हमने भारत के साथ मिलकर कई उत्पादों का स्थानीय उत्पादन करना शुरू किया है। हम टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी कर रहे हैं। सर्गेई लावरोव ने दृढ़ता दिखाते हुए कहा कि रूस भारत को रक्षा क्षेत्र में जो भी चाहिए, उसे दे सकता है। हम भारत को कुछ भी प्रदान कर सकते हैं।