नई दिल्ली । देश में पिछले 24 घंटों में कोविड संक्रमण के 2100 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। यह आंकड़ा करीब 5 महीनों के बाद सबसे अधिक है। बीते कुछ दिनों से लगातार कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। फिर कोरोना से हालात बिगड़ने की आशंका बढ़ रही है। जैसे-जैसे कोरोना से शिकार होने वाले लोगों की संख्या में उछाल आ रहा है, वैसे-वैसे लोगों के मन में डर बढ़ता जा रहा है। सभी इस लेकर खौफ में हैं कि कहीं कोरोना महामारी पहले की तरह तबाही तब नहीं मचाएगी। चिंता की बात यह है कि स्वास्थ्य जानकारों ने भी अगले कुछ समय में कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका जाहिर की है।
इस बारे में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और एनडीएमसी के पूर्व सीएमओ डॉ. अनिल बंसल ने कहा कि कोविड का वायरस लगातार म्यूटेशन कर रहा है। हर बार यह अलग वेरिएंट में वापस आ रहा है, जो ज्यादा संक्रामक साबित हो रहा है। इस बार वायरस म्यूटेट करने के बाद तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। अगले कुछ समय में कोरोना के मामलों में बेहताशा वृद्धि देखने को मिल सकती है। इससे बचने का बस एक ही तरीका है कि लोग अभी से सतर्क रहे और कोविड गाइडलाइंस का पालन करना शुरू कर दें।  अगर लोगों ने इसमें लापरवाही बरती,तब हालात काफी बिगड़ सकते हैं। कुछ महीने पहले चीन में भी कोरोना ने लंबे समय बाद कहर बरपाया था, जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कोविड कभी भी तबाही मचा सकता है। 
डॉ.बंसल ने पूछा गया कि क्या गर्मी के मौसम में कोविड का असर कम हो जाता है, तब उन्होंने कहा कि मौसम से कोरोना का कोई लेना-देना नहीं है। हम पहले भी देख चुके हैं कि कोविड संक्रमण ने हर मौसम में लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। लोगों को कोविड संक्रमण के बढ़ते कहर को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। हालांकि कोविड से पहले की लहरों में संक्रमित हो चुके लोगों के शरीर में कोविड रजिस्टेंस बन चुका है, तब इसका मुकाबला करने में कुछ हद तक मदद मिल सकेगी। हालांकि कमजोर इम्यूनिटी और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह जानलेवा हो सकता है। 
वहीं एक अन्य डॉ. सोनिया रावत भी मानती हैं कि अगले कुछ महीनों में कोविड संक्रमण के केस तेजी से बढ़ सकते हैं। इसकी वजह उन्होंने वायरस के म्यूटेशन को बताया है। उन्हें लगता है कि संक्रमण पर जल्द काबू नहीं पाया गया, तब बड़ी संख्या में लोगों के हॉस्पिटलाइजेशन की नौबत आ सकती है, इससे हालात भयावह हो सकते हैं। कोविड के नए वेरिएंट पर वैक्सीन का असर कम हो जाता है, लेकिन वैक्सीन का कितना असर होता है, यह रिसर्च के बाद ही पता चलेगा। हालांकि जिन लोगों ने कोविड की वैक्सीन नहीं लगवाई है, उन्हें वैक्सीन जरूर लगवा लेनी चाहिए। इसके अलावा बूस्टर डोज लगवाने से भी कोई नुकसान नहीं है।