1  करोड़ 25 लाख महिलाओं के खातों में पहुंचेगी राशि, सीएम करेंगे ट्रांसफर


भोपाल । राखी का त्योहार आने में अभी समय है, लेकिन मध्य प्रदेश में राखी से पहले दिवाली मनने जा रही है। 10 जून की शाम प्रदेश के सवा लाख से अधिक परिवारों में दीये जलाकर जश्न मनाया जाएगा। चुनावी साल में प्रदेश की आधी आबादी को साधने के लिए बीजेपी सरकार के इस मास्टर स्ट्रोक के बाद कांग्रेस सरकार में आने पर महिलाओं को एक हजार के बजाय पंद्रह सौ रुपये देने का दावा कर रही है। दस जून 2023 ये वो तारीख है, जिस दिन मध्य प्रदेश की एक करोड़ 25 लाख महिलाओं के खातों में बारह सौ पचास करोड़ की राशि पहुंचेगी। प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में शामिल होकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बटन दवाएंगे और सिंगल क्लिक से बाहर सौ पचास करोड़ रुपये महिलाओं के खातों में पहुंचेंगे। दरअसल, ये राशि लाडली बहना योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराने वाली महिलाओं के खातों में पहुंचेगी।

10 जून का दिन ऐतिहासिक
मध्यप्रदेश की एक करोड़ से अधिक लाडली बहनों के लिए 10 जून का दिन ऐतिहासिक होगा। इस दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दिल से उपजी मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना का लाभ उन्हें मिलना शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने योजना में प्रावधान किया है कि गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवार की पात्र बहनों के खाते में जून माह से एक-एक हजार रुपये अंतरित किए जाएंगे। बहनों को यह राशि प्रतिमाह मिलेगी। योजना में पंजीयन कराने के अंतिम दिन तक एक करोड़ 25 लाख 33 हजार 145 बहनों ने पंजीयन करवाया। इसमें से अब तक एक करोड़ 12 लाख 57 हजार 65 बहनों के डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) इनेबल किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना अंतर्गत 30 मई तक समस्त प्रकार की आपत्तियों का निराकरण जिलों द्वारा किया गया एवं योजना अंतर्गत पात्र महिलाओं की अंतिम सूची 31 मई को जारी कर दी गई है। अंतिम सूची न केवल पोर्टल पर उपलब्ध है, बल्कि जिले के समस्त निकायों द्वारा प्रत्येक ग्राम एवं वार्ड में सूची को चस्पा किया गया है। प्रदेश में लगभग 12506184 महिलाएं पात्र पाई गईं, जिनके खाते में  10 जून को 1000 की राशि प्राप्त होगी। इन्हीं महिलाओं को प्रत्येक माह 1000 रुपये मिलेंगे।

जिलेवार डीबीटी इनेबल
मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना में अब तक भोपाल संभाग के भोपाल जिले में 2 लाख 78 हजार 133, रायसेन में 2 लाख 18 हजार 280, राजगढ़ में 2 लाख 63 हजार 651, सीहोर में 2 लाख 13 हजार 311 और विदिशा जिले में 2 लाख 42 हजार 758 डीबीटी इनेबल हो चुके हैं। चम्बल संभाग के भिण्ड जिले में 2 लाख 71 हजार 673, मुरैना में 2 लाख 92 हजार 179 और श्योपुर जिले में 96 हजार 266, ग्वालियर संभाग के ग्वालियर जिले में 2 लाख 73 हजार 82, अशोकनगर में एक लाख 38 हजार 918, दतिया में एक लाख 30 हजार 668, गुना में 2 लाख 2 हजार 784 और शिवपुरी जिले में 2 लाख 46 हजार 734 डीबीटी इनेबल किए जा चुके हैं। नर्मदापुरम संभाग के नर्मदापुरम जिले में एक लाख 86 हजार 979, बैतूल में 2 लाख 42 हजार 532, हरदा जिले में 81 हजार 607, इंदौर संभाग के इंदौर जिले में 3 लाख 91 हजार 443, अलीराजपुर में एक लाख 11 हजार 672, बड़वानी में 2 लाख 17 हजार 284, बुरहानपुर में एक लाख 14 हजार 354, धार में 3 लाख 32 हजार 307, झाबुआ में एक लाख 82 हजार 174, खण्डवा में एक लाख 89 हजार 782 और खरगोन जिले में 2 लाख 81 हजार 362 डीबीटी इनेबल किये जा चुके हैं। जबलपुर संभाग के जबलपुर जिले में 3 लाख 48 हजार 695, बालाघाट में 3 लाख 29 हजार 440, छिंदवाड़ा में 3 लाख 54 हजार 686, डिण्डोरी में एक लाख 17 हजार 7, कटनी में 2 लाख 14 हजार 268, मण्डला में एक लाख 83 हजार 232, नरसिंहपुर में एक लाख 92 हजार 905 और सिवनी जिले में 2 लाख 44 हजार 523 बहनों के डीबीटी इनेबल किये जा चुके हैं। रीवा संभाग के रीवा जिले में 3 लाख 61 हजार 265, सतना में 3 लाख 23 हजार 483, सीधी में एक लाख 82 हजार 121 और सिंगरौली जिले में एक लाख 71 हजार 64 डीबीटी इनेबल किये जा चुके हैं। सागर संभाग के सागर जिले में 3 लाख 62 हजार 903, छतरपुर में 2 लाख 82 हजार 253, दमोह में 2 लाख 22 हजार 552, निवाड़ी में 69 हजार 644, पन्ना में एक लाख 55 हजार 893 और टीकमगढ़ जिले में एक लाख 85 हजार 760, शहडोल संभाग के शहडोल जिले में एक लाख 68 हजार 428, अनूपपुर जिले में एक लाख 15 हजार 726 और उमरिया जिले में 94 हजार 713 डीबीटी इनेबल किये गये हैं। उज्जैन संभाग के उज्जैन जिले में 3 लाख 2 हजार 117, आगर-मालवा में 99 हजार 797, देवास में 2 लाख 45 हजार 455, मंदसौर में 2 लाख 37 हजार 421, नीमच में एक लाख 42 हजार 2, रतलाम में 2 लाख 26 हजार 378 और शाजापुर जिले में एक लाख 54 हजार 20 बहनों के डीबीटी इनेबल किए जा चुके हैं।