चीन में सख्त नियमों के बावजूद कोरोना कंट्रोल नहीं हो रहा है। कोरोना कंट्रोल के नाम पर शहरों में जारी लॉकडाउन ने जिनपिंग सरकार के प्रति लोगों के गुस्से को और बढ़ा दिया है। शहरों में लॉकडाउन चीन के राष्ट्रीय संकट की ओर इशारा कर रहा है। इन नए स्थानीय रूप से फैले कोरोना मामलों में सबसे ज्यादा चीन के आर्थिक केंद्र शंघाई से हैं जहां 3,084 मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा 17,332 स्थानीय रूप से फैले गैर लक्षण वाले मामले भी दर्ज किए गए हैं। शंघाई में सोमवार को COVID-19 से सात नई मौतें हुईं।

शंघाई के अलावा, अब कोरोना चीन के दूसरे प्रांतों में भी फैलने लगा है। 18 अन्य प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों में नए स्थानीय कोविड​​-19 मामले देखे गए, जिनमें जिलिन के पूर्वोत्तर प्रांत में 88 शामिल हैं। आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि सोमवार को चीन की मुख्य भूमि पर ठीक होने के बाद कुल 1,912 कोविड​​-19 रोगियों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई।

पूरे चीन में लॉकडाउन जैसे हालात हैं। कई शहर अपने निवासियों को घरों में कैद होने के लिए मजबूर कर रहे हैं, सप्लाई लाइनें टूट रही हैं, और अधिकारी बुनियादी सामानों की आवाजाही को सुरक्षित करने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं। COVID-19 ने चीन के हालात ऐसे बना दिए हैं कि लोग अब खुलकर जिनपिंग सरकार का विरोध कर रहे हैं। पिछले दिनों कई ऐसे वीडियो सामने आए जिनमें लोग प्रशासन के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करते नजर आ रहे हैं।

शंघाई में कई दिनों से लोगों को लॉकडाउन समेत अन्य कोविड-19 संबंधी पाबंदियों का कड़ाई से पालन करना पड़ रहा है। शंघाई में तीन बार व्यापक स्तर पर लोगों की जांच की जा चुकी है। चीनी नेता शी जिनपिंग की जीरो कोविड नीति के खिलाफ वर्तमान स्थिति देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण चुनौती हो सकती है। देश भर में सप्लाई प्राप्त करना एक कठिन चुनौती बन गई है, कुछ एक्सप्रेसवे बंद हो गए हैं, और ट्रक चालक क्वरंटाइन में हैं या हजारों राजमार्ग स्वास्थ्य चौकियों पर फंस गए हैं।

चीनी की नीतियों के खिलाफ लोगों में कई नेताओं के खिलाफ गुस्सा है। चीन में तेजी से बिगड़ता आर्थिक दृष्टिकोण भी चिंता का कारण बन रहा है। चीन की आर्थिक वृद्धि दर वर्ष 2022 की पहली तिमाही में 4.8 प्रतिशत रही। कोरोना वायरस महामारी के चलते शंघाई सहित प्रमुख औद्योगिक शहरों में लॉकडाउन के चलते वृद्धि आंकड़ों में कमजोरी देखी गई। चीन की सरकार ने चालू वर्ष के दौरान 5.5 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य तय किया है। चीन एक बिगड़ते कोविड प्रकोप को रोकने के लिए संघर्ष कर रहा है। यह संकट जिनपिंग सरकार के लिए अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा में से एक बन गया है।